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जीवन
निर्भर, निझर तब तक रहता, जब तक झर - झर बहता । गति ही जीवन, जीवन ही गति, गति में जीवन रहता है ।।
मानव तेरा भाग्य नहीं है, अन्य किसी के हाथों में । जो कुछ अच्छा - बुरा है वह सब, रक्षित तेरे हाथों में ॥
मानव बनना, मानव बन जा, दानव बन जा, या पशु बन जा। श्रेष्ठ देव बन जा या बढ़कर, विश्व पूज्य श्री जिनवर बन जा ॥
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जीवन:
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