SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 22
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उपक्रम श्रावक को ऐसे कार्यों में शामिल नहीं होना चाहिए, जिनमें विषय-वासना को उत्तेजित करने वाला कार्यक्रम हो । उसे दूसरों के वैषयिक कार्यों में भाग नहीं लेना चाहिए और न वैषयिक कामों में प्रोत्साहन एवं प्रेरणा ही देनी चाहिए । __ इस प्रकार गृहस्थ को वासना का केन्द्रीकरण करने के लिए प्रत्येक कार्य विवेक के साथ करना चाहिए। इसी में उसके जी 'न का विकास है, हित है, सुख है, एवं अनन्त शान्ति है। ब्रह्मचर्य की साधना : ब्रह्मचर्य की साधना, जीवन की एक कला है । अपने आचार-विचार और व्यवहार को बदलने की साधना है । कला वस्तु को सुन्दर बनाती है, उसके सौन्दयं में अभिवृद्धि करती है। और आचार भी यही काम करता है। वह जीवन को सुन्दर, सुन्दरतर और सुन्दरतम बनाता है । जीवन में शारीरिक सौन्दर्य से, आचरण का सौन्दयं हजारों-हजार गुणा अच्छा है । श्रेष्ठ आचरण मूर्ति, चित्र एवं अन्य कलाओं की अपेक्षा अधिक आनन्द प्रदाता है। वह केवल अपने जीवन के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य व्यक्तियों के लिए भी आनन्दप्रद होता है । आचरण-हीन व्यक्ति सबके मन में कांटे की तरह खटकता है और आचार-संपन्न पुरुष सर्वत्र सम्मान पाता है। प्रत्येक व्यक्ति उसके बेष्ठ आचरण का अनुकरण करता है । वह अन्य व्यक्तियों के लिए एक आदर्श स्थापित करता है। बतः आचार समस्त कलाओं में सुन्दरतम कला है । ___ आचरण जीवन का एक दर्पण है। इसके द्वारा प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को देखा-परखा जा सकता है। आचरण व्यक्ति की श्रेष्ठता और निकृष्टता का मापक मंत्र (Thermometer) है। आचरण की श्रेष्ठता उसके जीवन की उच्चता एवं उसके उच्चतम रहन-सहन तथा व्यवहार को प्रकट करती है । इसके अन्दर कार्य करने वाली मानवता और दानवता का, मनुष्यता और पाशविकता का स्पष्ट परिचय मिलता है। मनुष्य के पास आचार, विचार एवं व्यवहार से बढ़कर कोई प्रमाण-पत्र नहीं है, जो उसके जीवन की सच्चाई एवं यथार्थ स्थिति को खोलकर रख सके । यह एक जीवित प्रमाण-पत्र है, जिसे दुनिया को कोई भी शक्ति मुठला नहीं सकती। आचरण की गिरावट, जीवन की गिरावट है, जीवन का पतन है। रूढ़िवाद के द्वारा माने जाने वाले किसी मीच कुल में जन्म लेने मात्र से कोई व्यक्ति पतित 8. A beautiful behaviour is better than a beautiful form it gives a higher pleasure than statues and pictures. -Emerson. ६. यवदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जना, स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुव ते ।। -गीता। 10. Behaviour is the finest of fine art. -Emerson. 11. Behaviour is mirror in which every one displays his image. --Goethe. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003419
Book TitleBramhacharya Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1982
Total Pages250
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy