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१४- इषुकारीय
१३१.
रानी की बात सुनकर राजा की भावना का परिवर्तन होता है । राजा, रानी दोनों ही भोगों से विरक्त हो जाते हैं और संयम स्वीकार करने का संकल्प करते हैं ।
इस प्रकार राजा और रानी, पुरोहित और उसकी पत्नी, पुरोहित के दोनों पुत्र- छहों व्यक्ति दीक्षा लेते हैं ।
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