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________________ [ ५२ ] सेन्टी मीटर में १६.१४२७; पत्र सं० ६५, पंक्ति १६, अक्षर १६ हैं । लेखन काल २०वीं शती है। इसमें लेखन प्रशस्ति नहीं है। २. राजा रिसालू री वात : इस बात के सम्पादन में मैंने ७ प्रतियों का प्रयोग किया है । ५ प्रतियों का मूल वार्ता में और २ प्रतियों का परिशिष्ट १. क. और ख. में । पाँचों प्रतियाँ क. ख. ग. घ. ङ. संज्ञा से अङ्कित की गई है। क. संज्ञक का पाठ आदर्श मान कर ऊपर दिया गया है और ख. ग. घ. ङ. का पाठान्तर में प्रयोग किया है। क. संज्ञक-राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान जोधपुर, प्र. सं. ३५५३; साइज १८४१२.३ से. मी.; पत्र सं.-१२७-१५६; पंक्ति १९; अक्षर ३६ है। गुटका है । लेखन प्रशस्ति इस प्रकार है : "संवत १८७८ रा वृष मिति माह वद ७ गुरवासरे लिखतं चूतरां [चतुरां] नागोर नगर मध्येः ॥श्री॥" ख. संज्ञक-राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर सं० १२६, साइज १३.४११ से. मी.; पत्र-७; पंक्ति १३, अक्षर ४४ है । लेखन प्रशस्ति निम्न है "संवत् १८६० ना कात्तिक विद ८ बुद्धे संपूर्ण । लिखितं मुनी गुलालकुसल । श्रीमान कुए। ग. संज्ञक-रा. प्रा. प्र., जोधपुर; ग्रन्थ संख्या ३६६०; साइज़ २६.३४११ से. मी.; पत्र १५; पंक्ति १३; अक्षर ३३ हैं । लेखन प्रशस्ति "संवत् १८६० वर्षे मती वैसाष वदि ५ दिने वार प्रादित्य दिने लि० ऋ० रामचंद ग्राम कांगणी मध्ये ॥ श्री घ. संज्ञक-राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर; गुटका नं० ३५७३ (६०); साइज २०४२.८ से.मी.; पत्र १७१-१७५; पंक्ति ४०; अक्षर ३२ हैं। लेखन अनुमानत: १८ वीं शती है। गुटका जीर्ण-शीर्ण है । ङ. संज्ञक-राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर; गुटका नं० १०७०१; साइज १६.३४ ११.८ से. मी.; पत्र सं० ६९; पंक्ति ११; अक्षर १८ है । सचित्र प्रति है । लेखन प्रशस्ति "सं० १८६२ रा मिती चैत सुद ७ अर्फवासरेः ।। मैडता नगरै ।। श्री।" परिशिष्ट १ (क)-राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान जोधपुर, गुटका नं० ४६०५; साइज १५.८X १२.५ से. मी.; पत्र २६; पंक्ति १४; अक्षर १८ हैं। लेखन प्रशस्ति. "लो/पं/अनोपवीजयः ग ।/संवत् १८७५ रा आसाढ सुद ३ दने ॥श्री।।" Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003392
Book TitleRajasthani Sahitya Sangraha 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshminarayan Dixit
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1966
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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