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३ अगरजी की नगरी का नाम नहीं। ३ अगरजी की नगरी का नाम
विराट है। ४ अगरजी की छोटी पुत्री का नाम ४ छोटी पुत्री का नाम फूलवती है।
नहीं । ५ राक्षस द्वारा उजाड़े गये नगर का ५ सीधडी गांव ।
नाम द्वारका । ६ जलाल पाटन का बादशाह हठमल। ६ हठीयो बणझारो, जाति का राज
पूत, गढ गांगल का चहुवाण राजपूत, सोरठ में नवलरक गांव
बसा कर रहा। ७ योगी की पत्नी का किसी ने हरण ७ योगी के साथ सुन्दरो के त्रियाकर लिया।
चरित्र का ऐन्द्रजालिक वर्णन । ८ फूलवतो का हठमल के साथ सती ८ फूलवती का झरोखे से कूद कर होना।
आत्महत्या करना। ६ प्राणनाथ सुनार ।
६ कुमतीओ सुनार । परिशिष्ट १ (ख) में प्रकाशित रिसालू के दोहों में भी कुछ भिन्नता है ।
कथा का मूल लेखक कौन रहा होगा? इसका पता बात से नहीं लगता परन्तु कथा के अन्त में पाए हुए एक पद्यांश में नर्वद नामक चारण का उल्लेख अवश्य पाया है जिसने कि प्रचलित बात में दोहे आदि जोड़ कर उसे वर्तमान रूप दिया है।
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