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बात रीसालूरी दूहा- कूडौ बोले छ सूवटौ, मेंना गई अवनास बे।।
तिणसू चूंका बोलडा, राज सूण्याया तास बे ॥ १५३A हम की लोयरण लोइया, हमथी तोरचा हार बे । हम ही सेझ ही रूदली, हम ही न्हीष्या तंबोल बे ॥ १५४B
[कंमरजीवाक्यं पिलंग छपीयां छाटीयां, ढीली भई यबंदांरण बे। तीर भया वीष हौ रीया, किम कर चढीय कबारण बे ।। १५५
रांणीवाक्यं ऊं एकलडी महीलमै, तोरणथी कीधी चोल बे।
साच न वौल्यौ सूवटौ, गलां हंदी रोल बे ॥ १५६] A. इस दूहेके स्थानमें ख. ग. घ. में केवल निम्न वाक्य ही प्राप्त हैंख. सुबटो जुठ बोले छ । ग. जुठो बोले छ। घ. सुवो धूल षायै छै । B. ख. ग. घ. में निम्न दो दूहे प्राप्त हैं
रसालुवाक्यं दुहो- कोण ए लोयण लोइया, कोण ए तोडया हार थे। कीण ए सेजां मुगदली, कीण राल्या तंबोल बे ॥ ३५
रांणीवाक्यं हम ही लोयण लोइया, हम ही तोड्या हार बे।
हम ही सेझां मुगदली, हम राल्या तंबोल बे॥ ३६ ग. तदी रीसालु रांणी नै काई कहै छदूहा- कोण ही लोयण लोईया बेरांणी, कोणही५ तोड्या हार बे। कोणही' सेजां रूंदली, कोण ही नांष्या तंबोल बे॥ २६
राणीवाक्यं मे ही लोयण लोईया बे कंवर, मे ही तोडचा हार बे।
मे ही सेजां संदली, मे ही नाष्या तंबोल बे॥ ३० घ. १. तदी रसालु कहै-1 २. घ. कण हो। ३. घ. लुईया। ४. घ. में नहीं है। ५. घ. कोण। ६. घ. कोणी । ७. घ. राल्या। ८. घ. लुहीया। ६. घ. में नहीं है। १०. घ. राल्या।
[-]. कोष्ठगत संदर्भ एवं १५५ तथा १५६वा दूहा ग. घ. में अप्राप्त है तथा ख. प्रति में एक ही वहा प्राप्त है जो इस प्रकार है
रीसालुवाक्यं पलंग छीपाए छांटीये, ढीली भई अबदांण बे। तीर भाथा हम ले चले, कीम कर चाढी कबांण बे ॥ ३७
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