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बात बमसीरामजी प्रोहित होराको
[ ३६ मेवाड़ देस प्रोहित मंडे बर गला अभंग यूं ,
बिजैत्र मागल बाजिया जीत्यौ यण बिध जंग यूं ।। २६६ ३१ बात- अठी प्रोहित, राव बाहादर, उठी चहवांण, झाला; येक पहर तरवारि बही । हीरां पर केसरी बडारणे परबतकी किंनरीमैं रही। राव बाहादरका सिपाही भला लड़िया, पर तीन बीसी असवार षेत पड़िया। प्रोहितका भी रजपूत भला घमचाल बागा, पचास तो काम आया, पचीसकै लोह लागा। घोड़ो नीलबिडंग काम प्रायो, प्रोहितजी गरड़ादे घोड़ी असवार हूवा रणषेत सुझायौ । अब चांदस्यंघ वाले पोतो रसालदार काम प्रायौ। चैन बुझाकड़क लोह लागा, चहूवांण झाला भागा।
अथ गीत चांद स्यंघ बाल पोताका धु (धु)रेत्र माला मचायौ जंग मेवाड़ चीरवो घाट वुयो जिण , बेलां कलां नाग सौदे धीया राडा धार तीजो नयण । ज्वाला सो जगायो जेम ससंधू करालो, रूप आयो चांद स्यंघ ।। २७० बगी हाक दवा सुगो गोलियां, ऊजाले म छुठे जगै क्रोधबांन मह बोला बीर जंग। मकान दव धलासै नगी पाग षलां माथै तोप, दगी गोला जिम भेलियो तुरंग ।। २७१ चंद्रहासां षागांके प्रचंडा झुंड बीर चाल, षुलै रुंडमुंडाके प्रजाले लोही पाल । पोतरै बिहारी वालरि मांथंडाके पिछाडे, करे सुर धीरां धा(घा)वा बिहंडा कराल ।। २७२ षरे गोषालानु मार मंडे फूल धारां षैत धरैगो, बिजैत नांम झूझार सधीर। करेगो प्रतिरां पुर लोही धार छके काली बरैगौ,
अपछरा वाल पोता माहावीर ।। २७३ ३२. बात- सातसै असवार झालांका भी काम आया, अर पांचसै असवार चहूवांणां भी मरवाया। यण प्रकार प्रोहित झगड़ो जीत लीनो । उदैपुरको रांग भीम माहा सोच कीनो।
गीत प्रोयेतजीको घरे घण कटक चीरवै घोटे चढ़ि झाला चहूं वांण , चढ़े प्रोहित रांण बका रण चापड़े बर बीज।। षग झाट वीट्ट बेहू तरफां बाज बंदूकां गुणियण स्यंधु गाई,
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