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________________ ४० कलश वाले प्रासादों की पंक्तिवाला नगरकोट्ट, कि जिस का दूसरा नाम सुशर्मपुर है, देखा । उसे देख कर संघजनो ने तीर्थ के प्रथम-दर्शन से उत्पन्न होने वाले आनंदानुसार, दान-धर्मादि सुकृत्यों द्वारा अपनी तीर्थ भक्ति प्रकट की । नगरकोट्ट के नीचे बाणगंगा नदी बहती है जिसे उतर कर संघ गांव में जाने की तैयारी कर रहा था कि इतने में उस का आगमन सुन कर गांव का जैनसमुदाय, सुन्दर वस्त्राभूषण पहन कर स्वागत करने के लिये सामने आया । अनेक प्रकार के वादित्रों और जयजयारवों के प्रचंड घोषपूर्वक महान् उत्सव के साथ, नगर में प्रवेश किया । सहर के प्रसिद्ध प्रसिद्ध मुहल्लों और बाजारों में घूमता हुआ संघ, साधु क्षीमसिंह के बनाये हुए शांतिनाथ देव के मंदिर के सिंह द्वार पर पहुंचा । निस्सही निस्सही नमो जिणाणं' इस वाक्य को तीन वार बोलता हुआ जिनालय में जा कर खरतरगच्छ के आचार्य श्रीजिनेश्वरसूरि की प्रतिष्ठित की हुई शांतिजिन की प्रतिमा का दर्शन किया। तीन वार प्रदक्षिणा दे कर, नाना प्रकार के स्तुतिस्तोत्रों द्वारा अत्यंत आनंदपूर्वक प्रभुकी पर्युपासना की । इस प्रकार संवत् १४८४ वर्ष के ज्येष्ठ सदी पंचमी के दिन, अपनी चिरकाल की दर्शनोत्कण्ठा को पूर्ण कर फरीदपुर का संघ कृतकृत्य हुआ । शान्तिजिन के दर्शन कर संघ फिर, नरेन्द्र रूपचन्द्र के बनाये हुए मंदिर में गया और उस में विराजित सुवर्णमय श्रीमहावीरजिन बिंब को पूर्ववत् वन्दन- नमन कर, देवल के दिखाये हुए मार्ग से युगादि जिन के तीसरे मंदिर में गया। इन मंदिरों में भी उसी तरह परमात्मा की उपासना-स्तवना कर निज जन्म को सफल किया । 6 इस प्रकार नगर कोट्ट शहर के मंदिरों की परम उत्साह पूर्वक यात्रा कर संघ ने उस दिन अपने ठहरने करने की व्यवस्था की और रास्ते का परिश्रम दूर करने के लिये विश्रान्ति ली । दूसरे दिन प्रातःकाल, शहर के पास, पहाडी पर, कङ्गदक ( काङ्गडा ) नाम का ओ किला है और जिस में अनादियुगीन, अतिप्रभावशाली श्रीआदिनाथ भगवान् का प्राचीन और सुन्दर मंदिर है उस की यात्रा करने के लिये बड़े भारी समारोह के साथ संघ ने प्रस्थान किया । संघ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003389
Book TitleVignaptitriveni
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1916
Total Pages180
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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