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प्रज्ञापनाउपाङ्गसूत्रम्-२-१७/४/-/४६४ णं भंते?' इत्यादि, एता अनन्तरोदिता भदन्त! षड् लेश्याः 'कइसु वन्नेसु 'त्तिप्राकृतत्वात् तृतीयार्थे सप्तमीयथा-"तिसुतेसुअलंकिया पुढवी [त्रिभिस्तैरलंकृता पृथ्वी] इत्यत्र, ततोऽयमर्थःकतिभिर्वणैः ‘साहिजंति' कथ्यंते प्ररूप्यंते इतियावत्, भगवानाह-गौतम ! 'पंचसु वनेसु' इति पञ्चभिर्वषः शिष्यंते यथाशिष्यंते तथायद्यथा इत्यादिना दर्शयति।।उक्तो वर्णपरिणामः, सम्प्रति रसपरिणाममभिधित्सुराह
मू.(४६५) कण्हलेस्साणं भंते! केरिसिया आसाएणं पन्नत्ता?, गोयमा! से जहानामए निंबेइवा निंबसारे इवा निंबछल्ली इवा निंबफाणिएइवाकडएइवा कुडगफलएइवा कुडगछल्ली इवा कुडगफाणिए इ वा कडुगतुंबीइ वा कडुगतुंबिफले इ वा खारतउसी इ वा खरतउसीफले इ वा देवदालीति वा देवदालीपुप्फे इ वा मिगवालुंकी इ वा मियवालुंकीफले इ वा घोसाडए इवा घोसडिफले इ वा कण्हकंदए इ वा वज्जकंदए इ वा,स भवेयारूवे ?, गो० ! नो इणढे समढे, कण्हलेसा णं एत्तो अनिट्टतम्मि चेव जाव अमणामयरिया चेव आसाएणं पन्नत्ता,
नीललेसाए पुच्छा, गोयमा! से जहनामए भंगीति वा भंगीरए इ वा पाढाइ वा [चविया इवा] चित्तामूलए इ वा पिप्पली इ वा पिप्पलीमूलए इ वा पिप्पलीचुण्णे इ वा मिरिए इ वा मिरियषुण्णए इ वा सिंगबेरे इवा सिंगबेरचुण्णे इ वा, भवेयायवे ?, गोयमा! नो इणढे समढे, नीललेस्सा णं एत्तो जाव अमणामतरिया चेव आसाएणं पन्नत्ता,
काउलेस्साए पुच्छा, गोयमा ! से जहनामाए अंबाण वा अंबाडगण वा माउलिंगाण वा बिल्लाण वा कविट्ठाण वा [भजाण वा] फणसाण वा दाडिमाण वा पारेवताण वा अक्खोडयाण वा बोराण वा तिंदुयाण वा अपक्काणं अपरिवागाणं वन्नेणं अनुववेयाणं गंधेणं अनुववेयणाणं फासेणं अनु०, भवेरुवे ?, गो० ! नो इणढे समढे, जाव एत्तो अमणामयरिया चेव काउलेस्सा अस्साएणं पन्नत्ता, तेउलेस्सा णं पुच्छा, गोयमा ! से जहानामए अंबाण वा पक्काणं परियावन्नेणं उववेयाणं पसत्येणंजाव फासेण जाव एत्तो मणामयरिया चेव तेउलेस्सा आसाएणं पन्नत्ता,
पम्हलेस्साए पुच्छा, गोयमा! से जहानामए चंदप्पाभाइ वा मनसिलाइ वा वरसीधूइवा वरवारुणी इ वा पत्तासवे इ वा पुप्फासवे इ वा फलासवे इ वा चोयासवे इ वा आसवे इ वा महूइ वा मेरएइ वा कविसाणए इ वा खजूरसारए इ वा मुद्दियासारए इ वा सुपक्कखोतरसे इ वा अट्ठपिट्ठनिट्ठियाइवाजंबुफलकांलियाइवा वरप्पसन्नाइवाआसला मंसला पेसलाईसंओढवलंबिणी इसंवोच्छेदकडुई ईसितंबच्छिकरणी उक्कोसमदपत्तावन्नेणं उववेया जाव फासेणं आसायणिज्जा वीसायणिज्जा पीणणिज्जा विंहणिज्जा दीवणिज्जा दप्पणिज्जा मदणिज्जा सव्वेदियगायपल्हायणिज्जा, भवेयारूवा?, गो० ! नो इणढे समढे पम्हलेस्सा एत्तो इट्टतरिया चेव जाव मणामयरिया चेव आसाएणं पन्नत्ता,
सुक्कले० भंते! केरिसिया आस्साएणं पन्नत्ता?, गोयमा! से जहानामए गुले इवा खंडेइ वा सक्करा इ वा मच्छंडिया इ वा पप्पडमोदए वा भिसकंदए इ वा पुप्फुत्तरा इ वा पउमुत्तरा इवा आदसिया इ वा सिद्धिस्थिया इ वा आगासफालितोवमा इ वा उवमा इ वा अनोवमा इ वा, भवेतारूवे?, गोयमा! नो इणढेसमडे, सुक्कलेस्साएत्तोइट्टतरियाचेव पियतरिया चेवमणामयरिया चेव आसाएणं पन्नत्ता।
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