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________________ पदं-,३ उद्देशकः-, द्वारं-३ १२९ -पदं-३-दारं-३:- "इन्द्रियं":मू. (२६२) एएसिणं भंते! सइंदियाणं एगिदियाणं बेइंदियाणं तेइंदियाणं चउरिदियाणं पंचिंदियाणं अनिंदियाणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?, गोयमा! सव्वत्थोवापंचिंदिया चउरिदिया विसेसाहियातेइंदिया विसेसाहिया बेइंदिया विसेसाहिया अनिंदिया अनंतगुणा एगिंदिया अनंतगुणा सइंदिया विसेसाहिया ॥ एएसिणंभंते! सइंदियाणं एगिदियाणं बेइंदियाणं तेइंदियाणं चउरिदियाणं पंचिंदियाणं अपज्जत्तगाणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वातुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवा पंचिंदिया अपजत्तगा चउरिदियाअपजत्तगाविसेसाहिया तेइंदियाअपजत्तगाविसेसाहिया बेइंदिया अपजत्तगा विसेसाहिया एगिंदिया अपजत्तगा अनंतगुणा सइंदिया अपज्जत्तगा विसेसाहिया ।। एएसिंणंभंते! सइंदियाणं एगिदियाणं बेइंदियाणं तेइंदियाणं चउरिदियाणं पंचिंदियाणं पज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वातुल्ला वा विसेसाहिया वा?, गोयमा ! सव्वत्थोवा चउरिदिया पज्जत्तगा पंचिंदिया पजत्तगा विसेसाहिया बेइंदिया पज्जत्तया विसेसाहिया तेइंदिया पज्जत्तगा विसेसाहिया एगिंदिया पज्जत्तगा अनंतगुणा सइंदिया पज्जत्तगा विसेसाहिया॥ एएसिणं भंते! सइंदियाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वातुल्ला वा विसेसाहिया वा?, गोयमा ! सव्वत्थोवा सइंदिया अपजत्तगा सइंदिया पजत्तगा संखेजगुणा ॥ एएसिणं भंते ! एगिंदियाणं पजत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वाविसेसाहिआवा?, गोयमा! सव्वत्थोवा एगिंदिया अपजत्तगा एगिदिया पजत्तगा संखेजगुणा एएसिणंभंते बेइंदियाणं पज्जत्तापज्जत्ताणंकयरे कयरेहितोअप्पावा बहुया वातुल्ला वा विसेसाहिआ वा?, गोयमा! सव्वत्थोवा बेइंदिया पजत्तगा बेइंदिया अपजत्तगा असंखेज्जगुणा एएसिणंभंते ! तेइंदियाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पावा बहुया वातुल्ला वा विसेसाहिआ वा?, गोयमा! सव्वत्थोवा तेइंदिया पज्जत्तगा तेइंदिया अपजतगा असंखेजगुणा एएसि णं भंते ! चउरिदियाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिता वा?, गोयमा! सव्वत्थोवा चउरिदिया पजत्तगाचउरिदियाअपज्जत्तगा असंखेजगुणा एएसिणं भंते ! पंचिंदियाणं पजत्तापज्जत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वाविसेसाहिआवा?, गोयमा! सव्वत्थोवा पंचेंदिया पजत्तगा पंचेदियाअपजतगा असंखेजगुणा एएसिणं भंते सइंदियाणं एगिंदियाणं बेइंदियाणं तेइंदियाणं चउरिदियाणं पंचिंदियाणं पज्जत्तापजत्ताणं कयरे कयरेहितो अप्प वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिआ वा ?, गोयमा! सव्वत्थोवा चउरिदिया पजत्तगापंचिंदिया पज्जत्तगा विसेसाहिआबेइंदिया पजत्तगाविसेसाहिआ तेइंदिया पजत्तगा विसेसाहिआ पंचिंदिया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा चउरिदिया अपज्जत्तगा विसेसाहिआ तेइंदिया अपज्जत्तगा विसेसाहिआ बेइंदिया अपज्जत्तगा विसेसाहिआ एगिंदिया अपजत्तगाअनंतगुणा सइंदिआअपजत्तगाविसेसाहिआएगिदिया पजत्तगासंखेजगुणा सइंदिआ पजत्तगा विसेसाहिआ सइंदिया विसेसाहिआ। वृ. सर्वस्तोकाः पञ्चेन्द्रियाः सद्धेययोजनकोटीकोटीप्रमाणविष्कम्भसुचीप्रमितप्रतरासङ्ख्यय109 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.003314
Book TitleAgam Suttani Satikam Part 10 Pragnapana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year2000
Total Pages324
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size19 MB
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