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________________ शतकं-८, वर्गः-, उद्देशकः-५ ३९३ गंभंते! पच्छा पच्चाइक्खमाणे किं करेति?, गोयमा ! तीयं पडिक्कमइ पडुप्पन्नं संवरेइ अनागयं पच्चक्खातितीयं पडिक्कममाणे किं तिविहं तिविहेणं पडिक्कमति १ तिविहंदुविहेणं पडिक्कमति २तिविहं एगविहेणं पडिक्कमति ३ दुविहं तिविहेणं पडिक्कमति ४ दुविहं दुविहेणं पडिक्कमति ५ दुविहं एगविहेणं पडिक्कमति ६ एक्कविहं तिविहेणं पडिक्कमति ७ एक्कविहंदुविहेणं पडिक्कमति ८ एक्कविहं एगविहेणं पडिक्कमति ९ । गोयमा! तिविहं तिविहेणं पडिक्कमति तिविहंदुविहेण वापडिक्कमतितंचेव जाव एक्कविहं वा एक्कविहेणं पडिक्कमति, तिविहंवातिविहेणंपडिक्कममाणे न करेति न कारवेति करेंतं नानुजाणइ मणसा वयसा कायसा १, तिविहंदुविहेणं पडि० न क० न का० करेंतं नानुजाणइ मणसा वयसा २, अहवा न करेइन का० करेंतं नानुजा० मणसा कायसा ३, अह न करेइ ३ वयसा कायसा ४ तिविहं एगविहेणं पडि० न करेति ३ मणसा ५, अहवा न करेइ ३ वयसा ६, अहवान करेइ ३ कायसा ७, दुविहं ति०प० न करेइ न का० मणसा वयसा कायसा ८, अहवा न करेइ करेंतं नानुजाणइ मण० वय० काय० ९, अहवा न कारवेइ करेंतं नानुजा० मणसा वयसा कायसा १०, दु० दु०प० न क० नका० म०व०११, अहवा न क० नका०म० कायसा १२, अहवा न क० न का० वयसा कायसा १३, अहवा न करेइ करेंतं नानुजाणइमणसा वयसा १४ अहवान करे० करेंतनानुजाणइमणसा कायसा १५, अहवा नकरेति करेंतनानुजाणति वयसा कायसा १६, अहवा न कारवेति करेंतं नानुजाणतिमणसा वयसा १७, अहवा न कारवेइ करेंतंनानुजाणइमणसा कायसा १८, अहवान कारवेति करेंतं नानुजाणइ वयसा कायसा १९, दुविहं एक्कविहेणं पडिक्कममाणे न करेति न कारवेति मणसा २०, अहवा न करेति न कारवेति वयसा २१, अहवा न करेति न कारवेति कायसा २२, अहवा न करेति करेंतं नानुजाणइ मणसा २३, अहवा न करेइ करेतं नानुजाणइ वयसा २४, अहवा न करेइ करेंतं नानुजाणइ कायसा २५, अहवा न कारवेइ कारवेइ करेंतं नानुजाणइ मणसा २६ । अहवा न कारवेइ करेंतं नानुजाणइ वयसा २७ अहवा न कारवेइनु करेंतं नानुजाणइ कायसा २८, एगविहं तिविहेणं पडि० न करेति मणसा वयसा कायसा २९, अहवा न कारवेइ मण० वय० कायसा ३०,अहवा करेंत नानुजा० मणसा०३१, एक्कविहंदुविहेणं पडिक्कममाणे न करेति मणसा वयसा ३२, अहवा न करेति मणसा कायसा ३३, अहवा न करेइ वयसा कायसा ३४, अहवान अहवा करेंतं नानुजा० मणसा वयसा ३८/ अहवा करतं नानुजा० मणसा कायसा ३९, अहवा करतं नानु जाणइ वयसा कायसा ४०, एक्कविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे न करेति मणसा ४१, अहवा न करेति वयसा ४२, अहवा न करेति कायसा ४३, अहवा न कारवेति मणसा ४४, अहवा न कारवेति वयसा ४५, अहवा न कारवेइ कायसा ४६, अहवा करेंतं नाणुजाणइ मणसा ४७ अहवा करेंतं नानुजा० वयसा ४८ अहवा करेंतं नानुजाणइ कायसा ४९ । पडुप्पन्नं संवरेमाणे किं तिविहं तिविहेणं संवरेइ ?, एवं जहा पडिक्कममाणेणं एगूणपन्नं भंगा भनिया एवं संवरमाणेणवि एगुणपन्नं भंगा भानियव्वा । अनागयं पञ्चक्खमाणे किं किं तिविहं तिविहेणं पञ्चक्खाइ ? एवं ते चेव भंगा एगूणपन्ना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003309
Book TitleAgam Suttani Satikam Part 05 Bhagvati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year2000
Total Pages564
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size12 MB
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