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सप्तमाध्यायस्य तृतीयः पादः
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उदा०- ग्रामाणाम् - पूर्वेषुकामशम्यां भव इति पूर्वेषुकामशमः । अपरैषुकामशमः । पूर्वकार्ष्णमृत्तिकः । अपरकार्ष्णमृत्तिकः । नगराणाम्पूर्वस्मिन् पाटलिपुत्रे भव इति पूर्वपाटलिपुत्रकः । अपरपाटलिपुत्रकः । पूर्वकान्यकुब्जकः । अपरकान्यकुब्जकः ।
आर्यभाषाः अर्थ- (दिश:) दिशावाची शब्द से परे (प्राचाम् ) प्राग्देशीय (ग्रामनगरांणाम् ) ग्रामवाची और नगरवाची ( अङ्गानाम् ) अङ्गों के ( उत्तरपदानाम्) उत्तरपदों के (अचाम्) अचों में से (आदेः) आदिम (अच: ) अच् के स्थान में ( तद्धिते) तद्धित-संज्ञक (ञ्णितिं) ञित्, णित् और (किति) कित् प्रत्यय परे होने पर ( वृद्धिः ) वृद्धि होती है।
उदा०- (ग्राम) पूर्वेषुकामशमः । पूर्व- इषुकामशमी ग्राम में होनेवाला । अपरैषु कामशमः। अपर-इषुकामशमी ग्राम में होनेवाला । पूर्वकार्ष्णमृत्तिकः । पूर्व-कृष्णमृत्तिका ग्राम में होनेवाला। अपरकार्ष्णमृत्तिकः । अपरर- कृष्णमृत्तिका ग्राम में होनेवाला। (नगर) पूर्वपाटलिपुत्रकः । पूर्व- पाटलिपुत्र नगर में होनेवाला । अपरपाटलिपुत्रकः । अपर- - पाटलिपुत्र नगर में होनेवाला । पूर्वकान्यकुब्जकः । पूर्व- कान्यकुब्ज नगर में होनेवाला । अपरकान्यकुब्जकः । अपर-कान्यकुब्ज नगर में होनेवाला ।
सिद्धि - (१) पूर्वैषुकामशम: । यहां प्रथम 'पूर्वा' और 'इषुकामशमी' शब्दों का 'दिक्संख्ये संज्ञायाम् ' (२1१ 1५०) से कर्मधारय तत्पुरुष समास है-पूर्वा चेयम् इषुकामशमीति पूर्वेषुकामशमी । तत्पश्चात् पूर्वेषुकामशमी' शब्द से 'तत्र भवः' (४/२/५३) से भव- अर्थ में 'अण्' प्रत्यय है। इस सूत्र से ग्रामवाची 'इषुकामशमी' उत्तरपद को आदिवृद्धि होती है। ऐसे ही - अपरैषुकामशमी आदि ।
(२) पूर्वपाटलिपुत्रकः । यहां 'पूर्व' और 'पाटलिपुत्र' शब्दों का 'तद्धितार्थोत्तरपदसमाहारे च' (२1१148 ) से तद्धितार्थ में कर्मधारयतत्पुरुष समास है । तत्पश्चात्'रोपधेतोः प्राचाम् ' ( ४ । २ । १२३) से भव - अर्थ में 'वुञ्' प्रत्यय है। सूत्र कार्य पूर्ववत् है ।
(३) पूर्वकान्यकुब्ज: । यहां 'पूर्व' और 'कान्यकुब्ज' शब्दों का पूर्ववत् तद्धितार्थ में कर्मधारयतत्पुरुष समास है। तत्पश्चात् 'तत्र भवः' (४/३/५३) से भव- अर्थ में 'अण्’ प्रत्यय है। सूत्र कार्य पूर्ववत् है ।
विशेष: (१) पाटलिपुत्र- मगध या दक्षिण बिहार के एक नगर का नाम । यह गंगा और सोननदी के संगम पर बसाया गया था। इसका दूसरा नाम कुसुमपुर है (श० कौ०) ।
(२) कान्यकुब्ज - इक्षुमती या काली नदी तथा गंगा के संगम पर अवस्थित प्राचीनकालीन एक राज्य । इसकी राजधानी आधुनिक कन्नौज कस्बा है, जो फर्रुखाबाद जिले के अन्तर्गत है । यह राजा गाधि की राजधानी थी ( श० कौ० ) ।
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