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सप्तमाध्यायस्य द्वितीयः पादः
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पादौ । रगड़कर धोये हुये चरण । संघुष्टं वाक्यमाह, संघुषितं वाक्यमाह । उसने प्रतिज्ञापूर्ण वचन कहा। (आस्वन्) आस्वान्तो देवदत्तः, आस्वनितो देवदत्तः । आमन्त्रित देवदत्त | आस्वान्तं मनः, आस्वनितं मनः । मन= चित्त ।
सिद्धि - (१) रुष्ट: । रुष् + क्त । रुष्+त । रुष्+ट । रुष्ट+सु । रुष्टः । यहां 'रुष रोषे' (चु०प०) धातु से पूर्ववत् 'क्त' प्रत्यय है। 'ष्टुना ष्टुः' (८/४/४१) से तकार के टवर्ग टकार होता है। इस सूत्र से इडागम का प्रतिषेध होता है। विकल्प-पक्ष में इडागम है- रुषितः ।
(२) अभ्यान्तः । अभि+अम्+क्त | अभि+अम्+त | अभि+आम्+त | अभ्यान्तः । यहां अभि-उपसर्गपूर्वक 'अम रोगे' (चु०3०) धातु से पूर्ववत् 'क्त' प्रत्यय है। इस सूत्र से इडागम का प्रतिषेध होता है। 'अनुनासिकस्य क्विझलो: क्ङिति ( ८1४1९५) से दीर्घ और 'अनुस्वारस्य ययि परसवर्ण:' (८/४/५८ ) से अनुस्वार को परसवर्ण नकार होता है। विकल्प-पक्ष में इडागम है-अभ्यमितः ।
(३) तूर्ण: । त्वर्+क्त । त्वर्त । त् ऊठ् र्+त । त्ऊ र्+त । तूर्+न । तूर्+ण । तूर्ण+सु | तूर्ण: ।
यहां 'ञित्वरा सम्भ्रमें' (भ्वा०आ०) धातु से पूर्ववत् 'क्त' प्रत्यय है । ज्वरत्वरस्त्रिव्यविमवामुपधायाश्च' (६ । ४ 1२०) से ऊठ्-रूप सम्प्रसारण, रदाभ्यां निष्ठातो न: पूर्वस्य च द:' ( ८ / २ / ४२ ) से निष्ठा-तकार को नकार और 'रषाभ्यां नो णः समानपदें' (८/४ 1१) से णत्व होता है । 'आदितश्च' ( ७/२/१६ ) से इडागम का प्रतिषेध प्राप्त था, अतः इस सूत्र से विकल्प - विधान किया गया है। विकल्प - पक्ष में इडागम है - त्वरित: ।
(४) संघुष्ट: । सम्+घुष्+क्त। सम्+घुष्+त। सम्+घुष्+ट। संघुष्ट+सु । संघुष्टः ।
यहां सम्-उपसर्गपूर्वक 'घुषिर् अविशब्दने' (भ्वा०प०) से पूर्ववत् 'क्त' प्रत्यय है ! इस सूत्र से इडागम का प्रतिषेध होता है। विकल्प- पक्ष में इडागम है- संघुषितः । 'घुषिर् विशब्दने' ( वा०प०) से अविशब्दन अर्थ में इडागम का प्रतिषेध प्राप्त था। इस सूत्र से अविशब्दन अर्थ में भी विकल्प से इडागम होता है- संघुष्टं वाक्यमाह, सुघुषितं वाक्यमाह ।
(५) आस्वान्त: । आङ्+स्वन्+क्त । आ+स्वन्+त। आ+स्वान्+त । आस्वान्त+सु । आस्वान्तः ।
यहां आङ् - उपसर्गपूर्वक 'स्वन शब्दे' (भ्वा०प०) धातु से पूर्ववत् 'क्त' प्रत्यय है । इस सूत्र से इडागम का प्रतिषेध होता है। 'अनुनासिकस्य क्विझलो: क्ङिति' (६/४/१५) सेदीर्घ होता है। विकल्प- पक्ष में इडागम है-आस्वनितः ।
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