SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 353
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३३६ पाणिनीय-अष्टाध्यायी-प्रवचनम् आर्यभाषा: अर्थ-(छन्दसि) वेदविषय में (बहुव्रीहौ) बहुव्रीहि समास में (सो:) सु-शब्द से परे (द्वयच्) दो अचोंवाला (आधुदात्तम्) आधुदात्त (उत्तरपादादिः, उदात्त:) उत्तरपद, आधुदात्त ही होता है। उदा०-स्वश्वा: । सुन्दर घोड़ोंवाले। सुराः । सुन्दर रथोंवाले। स्वश्वास्त्वा सुरा मर्जयेम (ऋ० ४।४।८)। सिद्धि-स्वश्वाः । यहां सु और अश्व शब्दों का 'अनेकमन्यपदार्थे' (२।२।२४) से बहुव्रीहि समास है। इस सूत्र से वेदविषय में तथा बहुव्रीहि समास में सु-शब्द से परे दो अचोंवाला 'अश्व' उत्तरपद को आधुदात्त स्वर ही होता है। ऐसे ही-सुरथाः। यह 'नसुभ्याम् (६।२।१७२) से प्राप्त अन्तोदात्त स्वर का अपवाद है। आधुदात्तम् (१०) वीरवी? च।१२० । प०वि०-वीर-वी? १।२ च अव्ययपदम् । स०-वीरश्च वीर्यं च तौ-वीरवी? (इतरेतरयोगद्वन्द्वः) । अस्मादेव निपातनात् पूर्ववल्लिङ्गं वेदितव्यम् । अनु०-उदात्त:, बहुव्रीहौ, उत्तरपदादिः, सो., छन्दसीति चानुवर्तते । अन्वय:-छन्दसि बहुव्रीहौ सोर्वीरवी? चोत्तरपदादिः, उदात्त:।। अर्थ:-छन्दसि विषये बहुव्रीहौ समासे सु-शब्दात् परौ वीरवी? शब्दौ चोत्तरपदे आधुदात्ते भवतः। उदा०-(वीर:) शोभनो वीरो यस्य स:-सुवीरः । सुवीरस्ते (ऋ० ४।१७।४)। शोभनं वीर्यं यस्य स:-सुवीर्यः। सुवीर्यस्य पतय: स्याम (तै०सं० ११७।१३।४)। आर्यभाषा: अर्थ-(छन्दसि) वेदविषय में तथा (बहुव्रीहौ) बहुव्रीहि समास में (सो:) सु-शब्द से परे (वीरवी?) वीर और वीर्य शब्द (उत्तरपदादिः, उदात्त:) उत्तरपद आधुदात्त होते हैं। ___उदा०-(वीर) सुवीरः । सुन्दर वीरवाला। सुवीरस्ते (ऋ० ४।१७।४) । सुवीर्यः । शुद्ध वीर्यवाला। सुवीर्यस्य पतय: स्याम (तै०सं० १।७।१३।४) । सिद्धि-सुवीरः। यहां सु और वीर शब्दों का 'अनेकमन्यपदार्थे (२।२।२४) से बहुव्रीहि समास है। इस सूत्र से वेदविषय में तथा बहुव्रीहि समास में सु-शब्द से परे वीर उत्तरपद को आधुदात्त स्वर होता है। ऐसे ही-सुवीर्यः ।
SR No.003300
Book TitlePaniniya Ashtadhyayi Pravachanam Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanacharya
PublisherBramharshi Swami Virjanand Arsh Dharmarth Nyas Zajjar
Publication Year1999
Total Pages754
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy