SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 290
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पञ्चमाध्यायस्य तृतीय पादः २७३ अर्थ:-सप्तम्यान्ताद् इदम्-शब्दात् प्रातिपदिकाद् हिल् प्रत्ययो भवति, कालेऽभिधेये। उदा०-अस्मिन् काले-एतर्हि । आर्यभाषा: अर्थ-(सप्तम्या:) सप्तम्यन्त (इदम:) इदम् प्रातिपदिक से (हिल्) हिल् प्रत्यय होता है (काले) यदि वहां काल अर्थ अभिधेय हो। उदा०-इस काल में-एतर्हि (अब)। सिद्धि-एतर्हि । इदम्+डि+हिल् । एत+हि । एतर्हि+सु । एतर्हि । यहां सप्तम्यन्त इदम्' शब्द से काल अर्थ अभिधेय में इस सूत्र से हिल' प्रत्यय है। एतेतौ रथो:' (५।३।४) से इदम्' के स्थान में एत्' आदेश होता है। 'हिल्' के लित्' होने से लिति' (६।१।१९०) से प्रत्यय से पूर्ववर्ती अच्’ उदात्त होता है-एतहि। निपातनम् __ (१७) अधुना ।१७। वि०-अधुना ११। अनु०-सप्तम्या:, काले, इदम इति चानुवर्तते। अन्वय:-सप्तम्या इदमोऽधुना काले। अर्थ:-{१} सप्तम्यन्ताद् इदम: प्रातिपदिकाद् धुना प्रत्यय:, इदम: स्थाने चाऽश्-आदेशो निपात्यते, कालेऽभिधेये। {२} सप्तम्यन्ताद् इदम: प्रातिपदिकाद् अधुना प्रत्यय:, इदमश्च लोपो निपात्यते, कालेऽभिधेये। उदा०-अस्मिन् काले-अधुना। आर्यभाषा: अर्थ-{१} (सप्तम्या:) सप्तम्यन्त (इदम:) इदम् प्रातिपदिक से (धुना) धुना प्रत्यय और इदम् के स्थान में (अश्) अश् आदेश निपातित है (काले) यदि वहां काल अर्थ अभिधेय हो। {२} (सप्तम्या:) सप्तम्यन्त (इदम:) इदम् प्रातिपदिक से (अधुना) अधुना प्रत्यय और 'इदम्' का लोप निपातित है (काले) यदि वहां काल अर्थ अभिधेय हो। उदा०-इस काल में-अधुना (अब)। सिद्धि-(१) अधुना । (१) इदम्+डि+धुना। अश्+धुना। अधुना+सु। अधुना। यहां सप्तम्यन्त इदम्' शब्द से काल अर्थ अभिधेय में इस सूत्र से 'धुना' प्रत्यय और 'इदम्' के स्थाने 'अश्' सवदिश निपातित है। अथवा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003299
Book TitlePaniniya Ashtadhyayi Pravachanam Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanacharya
PublisherBramharshi Swami Virjanand Arsh Dharmarth Nyas Zajjar
Publication Year1998
Total Pages536
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy