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________________ ४०७ तृतीयाध्यायस्य तृतीयः पादः (३) अध्यापिपत् । यहां अधि' उपसर्गपूर्वक णिजन्त इङ् अध्ययने (अदा०आ०) धातु से 'लुङ्' (३।२।११०) से भूतकाल में 'लुङ्' प्रत्यय है। इसकी पूर्ण सिद्धि णौ च संश्चङोः' (२।४।५१) की व्याख्या में देख लेवें। (४) अध्यापयिष्यति। यहां अधि' उपसर्गपूर्वक पूर्वोक्त णिजन्त इङ्' धातु से लृट् शेषे च' (३।३।१३) से भविष्यत्काल में लृट् प्रत्यय है।। (५) आधित । आङ्+धा+लुङ्। अट्+आ+धा+च्लि+लुङ् । आ+धा+सिच्+त। आ+धि+o+त। आधित। यहां आङ्पूर्वक डुदाञ् धारणपोषणयोः' (जु०3०) धातु से 'लुङ् (३।२।११०) से भूतकाल में 'लुङ्' प्रत्यय है। 'स्थाध्वोरिच्च' (१।२।१७) से इत्त्व और 'हस्वादङ्गात्' (८।२।२७) से 'सिच्’ का लोप होता है। (६) अयष्ट । यज्+लुङ्। अट्+यज्+न्ति+लुङ्। अ+यज्+सिच्+त। अ+यष्+स्+त। अ+यष्+o+ट। अयष्ट। यहां यज देवपूजासंगतिकरणदानेषु' (भ्वा०उ) धातु से पूर्ववत् 'लुङ्' प्रत्यय, व्रश्चभ्रस्ज०' (८।२।३६) से षत्व और 'झलो झलि' (८।२।२६) से सिच्' का लोप होता है। (७) अदित । यहां डुदाञ् दाने (जु०उ०) धातु से 'आधित' के समान कार्य है। (८) आधास्यते । यहां आङ् पूर्वक डुधाञ् धारणपोषणयोः' (जु०उ०) धातु से पूर्ववत् 'लुट' प्रत्यय है। (९) यक्ष्यते । यज्+लृट् । यज्+स्य+त । यष्+स्य+त। यक्+ष्य+ते। यक्ष्यते। यहां पूर्वोक्त यज्' धातु से पूर्ववत् लुट्' प्रत्यय है। 'व्रश्चभ्रस्ज०' (८।२।३६) से षत्व और षढो: क: सि' (८।२।४१) से कत्व होता है। (१०) दास्यते। यहां पूर्वोक्त 'दा' धातु से पूर्ववत् लुट्' प्रत्यय है। विशेष-यहां क्रियाप्रबन्ध और सामीप्य अर्थ में अनद्यतनवत् अर्थात् अनद्यतन अर्थ में विहित लङ् (भूत) और लुट् (भविष्यत्) प्रत्यय का प्रतिषेध होने से भूतकाल में लुङ् और भविष्यत्काल में लुट् प्रत्यय होता है। (२४) भविष्यति मर्यादावचनेऽवरस्मिन् ।१३६। प०वि०-भविष्यति ७।१ मर्यादावचने ७।१ अवरस्मिन् ७।१। स०-मर्यादा उच्यते येन स:-मर्यादावचनः, तस्मिन् मर्यादावचने (षष्ठीतत्पुरुषः)। अनु०-न, अनद्यतनवत् इति चानुवर्तते । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003297
Book TitlePaniniya Ashtadhyayi Pravachanam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanacharya
PublisherBramharshi Swami Virjanand Arsh Dharmarth Nyas Zajjar
Publication Year1997
Total Pages590
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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