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________________ ४०२ पाणिनीय-अष्टाध्यायी-प्रवचनम् वर्तमाने लट् (३।२।१२३) इत्यारभ्य 'उणादयो बहुलम्' (३।३।१) इति यावद् वर्तमाने काले ये प्रत्यया विहितास्ते भूते भविष्यति काले च विधीयन्ते। उदा०-(भूते) कदा देवदत्त ! आगतोऽसि ? अयमागच्छामि, आगच्छन्तमेव मां विद्धि, अयमागमम्, एषोऽस्म्यागतः। (भविष्यति) कदा देवदत्त ! गमिष्यसि ? एष गच्छामि, गच्छन्तमेव मां विद्धि, एष गमिष्यामि, गन्ताऽस्मि। आर्यभाषा-अर्थ-(वर्तमानसामीप्ये) वर्तमानकाल के समीप अर्थात् भूत और भविष्यत्काल अर्थ में विद्यमान (धातो:) धातु से परे (वा) विकल्प से (वर्तमानवत्) वर्तमानकाल के समान प्रत्यय होते हैं। 'वर्तमाने लट् (३।२।१२३) से लेकर उणादयो बहुलम्' (३1३।१) तक वर्तमानकाल में जो प्रत्यय विधान किये हैं वे भूत और भविष्यत्काल में भी होते हैं। उदा०-(भूत) कदा देवदत्त ! आगतोऽसि ? हे देवदत्त ! तू कब आया है ? अयमागच्छामि, यह मैं अभी आया था। आगच्छन्तमेव मां विद्धि । मुझे आया हुआ ही समझ। विकल्प पक्ष में-अयमागमम् । यह मैं अभी आया था। एषोऽस्म्यागत:। यह मैं आगया। (भविष्यत्) कदा देवदत्त ! गमिष्यसि ? हे देवदत्त ! तू कब जायेगा? एष गच्छामि। यह मैं अभी जाऊंगा। गच्छन्तमेव मां विद्धि । तू मुझे जानेवाला ही समझ। विकल्प पक्ष में-एष गमिष्यामि । यह में अभी जाऊंगा। एष गन्तास्मि । यह मैं अभी जाऊंगा। सिद्धि-(१) अयमागच्छामि । यहां आगच्छामि' पद में इस सूत्र से भूतकाल अर्थ में लट्' प्रत्यय है। (२) आगच्छन्तमेव मां विद्धि । यहां 'आगच्छन्तम्' पद में इस सूत्र से भूतकाल अर्थ में लट: शतशानचावप्रथमासमानाधिकरणे (३।२।१२४) से लट्' के स्थान में इस सूत्र से भूतकाल में 'शतृ' आदेश है। (३) अयमागम् । यहां 'आगमम्' पद में विकल्प पक्ष में भूतकाल में लुङ् (३।२।११०) से लुङ्' प्रत्यय है। (४) एषोऽस्म्यागत: । यहां आगत:' पद में विकल्प पक्ष में भूतकाल में निष्ठा' (३।२।१०२) से 'क्त' प्रत्यय है। (५) एष गच्छामि। यहां 'गच्छामि' पद में इस सूत्र से भविष्यत्काल में वर्तमाने लट्' (३।२।१२४) से लट् प्रत्यय है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003297
Book TitlePaniniya Ashtadhyayi Pravachanam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanacharya
PublisherBramharshi Swami Virjanand Arsh Dharmarth Nyas Zajjar
Publication Year1997
Total Pages590
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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