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________________ ३१८ पाणिनीय-अष्टाध्यायी-प्रवचनम् अन्वयः-अकर्तरि कारके भावे च उन्न्यो? धातोर्घञ् । अर्थ:-अकर्तरि कारके भावे चार्थे वर्तमानाद् उत्-नी पूर्वाद् गृ-धातो: परो घञ् प्रत्ययो भवति। उदा०-(उत्) उद्गार: समुद्रस्य। (नि) निगारो देवदत्तस्य । आर्यभाषा-अर्थ- (अकीरे) कर्ता से भिन्न (कारके) कारक में और (भावे) भाव अर्थ में विद्यमान (उन्न्यो :) 'उत्' और 'नि' उपसर्गपूर्वक (ग्रः) गृ (धातो:) धातु से परे (घञ्) घञ् प्रत्यय होता है। उदा०-(उत्) उद्गार: समुद्रस्य । समुद्र का अति प्रवृद्ध शब्द। (नि) निगारो देवदत्तस्य । देवदत्त का भक्षण करना (निगलना)। सिद्धि-(१) उद्गारः । उत्+गृ+घञ् । उत्+गार+अ। उद्गार+सु। उद्गारः । यहां उत्' उपसर्गपूर्वक र शब्दे' (क्रया०प०) धातु से भाव में इस सूत्र से घञ्' प्रत्यय है। 'अचो णिति' (७।२।११५) से 'गृ' धातु को वृद्धि होती है। (२) निगारः । नि' उपसर्गपूर्वक निगरणे (तु०प०) पूर्ववत् । घञ् (१२) कृ धान्ये ।३०। प०वि०-कृ ५ ।१ (लुप्तपञ्चमीनिर्देश:) धान्ये ७।१। अनु०-घञ्, उन्न्योरिति चानुवर्तते। अन्वय:-अकर्तरि कारके भावे च धान्ये उन्न्यो: कृ-धातोर्घञ् । अर्थ:-अकर्तरि कारके भावे चार्थे धान्ये च विषये वर्तमानाद् उत्-नीपूर्वात् कृ-धातो: परो घञ् प्रत्ययो भवति । उदा०-(उत्) उत्कारो धान्यस्य। (नि) निकारो धान्यस्य । आर्यभाषा-अर्थ- (अकीरे) कर्ता से भिन्न (कारके) कारक में (च) और (भावे) भाव अर्थ में तथा (धान्ये) धान्य विषय में विद्यमान (उन्न्योः ) उत् और नि उपसर्गपूर्वक (कृ) कृ (धातो:) धातु से परे (घञ्) घञ् प्रत्यय होता है। उदा०-(उत्) उत्कारो धान्यस्य । धान्य का ऊपर को फैंकना। (नि) निकारो धान्यस्य । धान्य का नीचे फैकना (बरसाना)।। सिद्धि-(१) उत्कारः । उत्+कृ+घञ् । उत्+का+अ। उत्कार+सु। उत्कारः। यहां उत्' उपसर्गपूर्वक कृ विक्षेपे' (तु०प०) धातु से भाव में इस सूत्र से घञ् प्रत्यय है। 'अचो णिति' (७।२।११५) से 'कृ' धातु को वृद्धि होती है। (२) निकारः । नि' उपसर्गपूर्वक 'कृ' धातु से पूर्ववत् । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003297
Book TitlePaniniya Ashtadhyayi Pravachanam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanacharya
PublisherBramharshi Swami Virjanand Arsh Dharmarth Nyas Zajjar
Publication Year1997
Total Pages590
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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