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________________ ४३६ कर्मणि षष्ठी (१३) प्रेष्यब्रुवोर्हविषो देवतासम्प्रदाने । ६१ । प०वि० - प्रेष्य - ब्रुवो: ६ । २ हविषः ६ । १ देवतासम्प्रदाने ७ । १ । सo - प्रेष्यश्च ब्रश्च तौ- प्रेष्यब्रुवौ तयोः प्रेष्यब्रुवो: (इतरेतरयोगद्वन्द्वः)। देवता सम्प्रदानं यस्य स देवतासम्प्रदान:, तस्मिन्-देवतासम्प्रदाने (बहुव्रीहिः) । अनु० - षष्ठी कर्मणि ब्राह्मण इति चानुवर्तते । अन्वयः - ब्राह्मणे देवतासम्प्रदाने प्रेष्यब्रुवोर्हविषः कर्मणि षष्ठी । अर्थ:- ब्राह्मणविषये देवतासम्प्रदानेऽर्थे वर्तमानयोः ब्रुवोर्धात्वोर्हविषो वाचके कर्मणि षष्ठी विभक्तिर्भवति । प्रेष्य पाणिनीय-अष्टाध्यायी प्रवचनम् उदा०-प्रेष्य-अग्नये छागस्य हविषो वपाया मेदसः प्रे३ष्य । ब्रूहि-अग्नये छागस्य हविषो वपाया मेदसोऽनुब्रूहि । आर्यभाषा - अर्थ - (ब्राह्मणे) ब्राह्मण ग्रन्थविषय में (देवतासम्प्रदाने) देवता - सम्प्रदानवाली (प्रष्य - ब्रुवो: ) प्रेष्य और ब्रू धातु के (हविषः) 'हवि' रूप (कर्मणि) कर्म कारक में (षष्ठी) षष्ठी विभक्ति होती है। उदा० - प्रेष्य-अग्नये छागस्य हविषो वपाया मेदसः प्रेष्य । ब्रू- अग्नये छागस्य हविषो वपाया मेदसोऽनुब्रू ३ हि । सिद्धि-अग्नये छागस्य हविषो वपाया मेदसः प्रे३ष्य । यहां प्रेष्य' धातु का कर्म 'हविः' है। उसमें इस सूत्र से षष्ठी विभक्ति है । हवि के विशेषण छाग, वपा और मेद में भी समानाधिकरण से षष्ठी विभक्ति है। ऐसे ही अग्नये छागस्य हविषो वपाया मेदसोऽनुब्रूहि । विशेष-स्वामी दयानन्दकृत अष्टाध्यायी भाष्य तथा कारकीय नामक वेदांग प्रकाश में 'इन्द्राग्निभ्यां छागस्य हविषो वपाया मेदसः प्रेष्य । इन्द्राग्निभ्यां छागस्य हविषो वपाया मेदसोऽनुब्रूहि' ऐसा पाठ है। कारकीय की पादटिप्पणी में इसका अर्थ यह लिखा है- -अजा के अर्थ खाने-पीने की वस्तु के योग से बिजली और अग्नि को उपयुक्त कर और सुनकर उपदेश भी कर (कारकीय पृ० ५९ ) । चतुर्थ्यर्थे षष्ठी चतुर्थी च (१४) चतुर्थ्यर्थे बहुलं छन्दसि । ६२ । प०वि०-चतुर्थी- अर्थे ७।१ बहुलम् १ ।१ छन्दसि ७।१ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003296
Book TitlePaniniya Ashtadhyayi Pravachanam Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanacharya
PublisherBramharshi Swami Virjanand Arsh Dharmarth Nyas Zajjar
Publication Year1997
Total Pages590
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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