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________________ नैयायिक गौतम मत ४ वेदांत मत ५. वैशेषिक मत ६ यहूदी मत ७ इसाइत ८ ईशा रामानुज मत ११. वलभ मत १२. कबीर मत १३. मुलसमान महम्मद मत ९. शंकर मत १० नानक मत १४. व्यास दादू मत १५. शिव गोरख मत १६. मूसा शंकर रामानुज कषीर नानक दादू गोरख एकईश्वर | आचार्य नैयायिक Jain Education International न्याय पाठक एकब्रह्म आचार्योस्ति वेदांत पाठक परम हंसादि साधु एकईश्वर कणाद एकईश्वर अनेक एकईश्वर पथर वल्लभाचार्य एक ईश्वर अनेक कृष्ण एक ईश्वर अनेक समत्त्यादि एकईश्वर अनेक एकब्रह्म आनंदगिरी आदि एकईश्वर अनेक रामचंद्र एक ईश्वर अनेक एक ईश्वर सुंदर ven दासादि एक ईश्वर अनेक ६८ पाठक पाठक पाठक पाठक रामानुज मत पाठक वल्लभ मत पाठक शंकरभाष्यादि गिरिपुरि पाठक भारती आदि ग्रंथ पाठक साधु तत् ग्रंथ पाठक तत् ग्रंथ पाठक उपदे शक पादरी For Private & Personal Use Only फकीर तन्मत पाठक गृहस्थ वा साधु उदासी साधु 'वैश्वव साधु तिस मत के साधु नही दादूपंथी साधु कानफटे योगी ००००/ www.jainelibrary.org
SR No.003229
Book TitleJain Dharm Vishayak Prashnottara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Kulchandravijay
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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