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[32]... प्रथम परिच्छेद
| आचार्य श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरि : साहित्य सर्जक शब्दर्षि
आचार्य श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी महाराज का व्यक्तित्व जितना प्रभावशाली है उनका साहित्यिक जीवन भी उतना ही गौरवपूर्ण
"जिस राष्ट्र, समाज और धर्म में उज्जवल साहित्य की सत्परंपरा बनी रहती है वही देश, समाज और धर्म जीवित रहता है।" - इस बात को समझकर आचार्यश्रीने अपने जीवन और श्रम का बहुत बडा अंश इसी ज्ञान ज्योति को जलाये रखने में लगाया । यद्यपि संपूर्ण राजेन्द्र सूरि वाङ्मय का अनुसंधान अभी पूर्ण नहीं हुआ है । अत: यह पूर्णरुपेण नहीं कहा जा सकता कि आचार्यश्री ने किस विषय पर कहाँ, क्या, और कितना लिखा और अभी प्राप्त वाड्मय का भी पूर्ण प्रकाशन नहीं हुआ है फिर भी, जो प्रकाशित है, जो प्राप्त है, उसके आधार पर यहाँ किंचित् प्रकाश डालने का प्रयत्न किया जा रहा हैं।
है।
जैनी-दीक्षा के ग्रहण करने के पश्चात् वि.सं. 1905 से 'करणकामधेनुसारणी' ग्रंथ के लेखन से प्रारंभ हुई आपकी लेखनी आपके जीवन के अंतिम चातुर्मास (बडनगर म.प्र. वि.सं. 1963) में 'कमलप्रभा शुद्धरहस्य' के निर्माण तक अविश्रान्त, अबाधगति से चलती ही रही। 188 जिसके फलस्वरुप साहित्य की अनेक विधाएँ न्याय, कोश, व्याकरण, काव्य, कथा, इतिहास, तत्त्वज्ञान, आगम, गणित, ज्योतिष, धर्म-सिद्धांत आदि विषयक श्री अभिधान राजेन्द्र कोशादि अनेक ग्रंथ रचनाओं के द्वारा आपने पूर्णिमा के चंद्र की भाँति साहित्य जगत् को अपनी संपूर्ण कलाओं से प्रकाशित किया । आचार्य श्री के द्वारा प्रणीत साहित्य को यहाँ सारिणी के द्वारा दर्शाने का प्रयत्न किया जा रहा हैं।
आचार्य श्रीमद्विजय राजेन्द्र सूरीश्वरजी म. द्वारा रचित साहित्य की सूचि
ग्रन्थ का नाम
प्रकाशनस्थिति
प्रकाशन/ लेखन स्थान
सूरत
झालोर
कुक्षी
श्री अभिधान राजेन्द्र कोश अघटकुँवर चौपाई
श्री अष्टाह्निका व्याख्यान भाषांतर
अक्षय तृतीया कथा (संस्कृत गद्य)
उपाशकदशाङ्ग सूत्र बालावबोध
एकसो आठ बोलनां थोकडां (गुजराती भाषा)
कथासंग्रह पञ्चाख्यानसार
कमलप्रभा शुद्ध रहस्य
कर्तुरीप्सततमं कर्म (सूत्र व्याख्या)
करण कामधेनु सारणी कल्पसूत्र बालावबोध कल्पसूत्रार्थप्रबोधिनी
केसरिया स्तवन
खर्परतस्कर प्रबन्ध (संस्कृत पद्य)
गच्छाचारपयन्ना वृत्ति-भाषान्तर
अभिधान राजेन्द्र कोश की आचारपरक दार्शनिक शब्दावली का अनुशीलन
गणधरवाद
चैत्यवंदन चौबीसी
चोपड खेलन सज्झाय चौमासी देववंदन विधि
चौबीस जिन स्तुति
चौबीस स्तवन ज्येष्ठस्थित्यादेशपट्टकम् जिनोपदेश मञ्जरी
ज्योतिकल्पलता
तत्त्वविवेक
द्वाषष्ठिमार्गणा यंत्रावली
द्वादश पर्वणि कथा संग्रह
दीपावली कल्पसार (संस्कृत गद्य)
188. कल्पसूत्रार्थप्रबोधिनी, जीवनपरिचय पृ. 13 के सामने का यन्त्र
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वर्ष संवत् वि.सं.
1946-1960
1932
1927
1954
1934
1963
1905
1940
1954
1954
1944
1938
1953
1938
1938
1954
1945
खाचरोद राजगढ
-
बडनगर
झाबुआ (म.प्र.)
रतलाम
रतलाम/कुक्षी
गुजरात (सौराष्ट्र)
राजगढ
खाचरोद
राजगढ
राजगढ
रतलाम
वीरमगाम
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