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[427]... षष्ठ परिच्छेद
अभिधान राजेन्द्र कोश की आचारपरक दार्शनिक शब्दावली का अनुशीलन
बहुपुत्तिया बहुमाण बोहिय भंभसार भत्तपञ्चकखाण
बहुपुत्रिका बहुमान बोटिक भम्भसार भक्त प्रत्याख्यान
भद्दणंदि (ण)
- भद्रनन्दिन्
भद्दबाहु
भद्रबाहु
भद्दा
भद्रा
सौधर्म देवलोकवासिनी बहुपुत्रिका देवी के तीन भवों की कथा। भक्ति-बहुमान के विषय में शिव और ब्राह्मण की कथा। दिगम्बर (बोटीक) मत की उत्पत्ति की कथा। श्रेणिक राजा के 'भंभसार' उपनाम की वर्णन कथा। उपसर्ग या उपद्रव होने पर चारों आहार के त्याग के विषय में एक आचार्य भगवंत एवं शासनदेवी की कथा। श्रावक-गुण एवं साधुधर्म के व्रतग्रहण एवं आराधना के विषय में धनावह राजा के पुत्र भद्रनन्दी कुमार की कथा । युगप्रधान आचार्य श्री भद्रबाहुस्वामी की एवं वराहमिहिर की कथा । दीर्धदर्शिता (बुद्धि का गुण) के विषय में धन सार्थवाह की पत्नी भद्रा सेठानी की कथा। अनित्य भावना संबंधी भरत चक्रवर्ती की कथा । भव-भय से सावधान मुनि के विषय में तेलपात्रधर एवं राधावेधवेधक क्षत्रिय की उपनय कथा। प्रशस्त-अप्रशस्त भाव के विषय में दो वणिकों की कथा । अहिंसा-पालन एवं परोपकार के विषय में हरिवाहन राजा एवं भीमकुमार राजा की कथा। समस्त कल्याण का मूल कारण विनय गुण के विषय में धनद राजा के पुत्र भुवनतिलक कुमार की कथा।
भरह
भरत
भव
भव भीमकुमार
भाव भीमकुमार
भुवणतिलय
भुवनतिलक
षष्ठ भाग :मल्लि महापउम
मल्लि महापद्म
मुणिसुव्व मूलसिरी मेअज्ज मेहकुमार
मुनिसुव्रत मूलश्री मेतार्य मेघकुमार
रयणवाह रहणेमि
रत्नवाह रथनेमि
रहमुसल राइभोयण राम
रथमुशल रात्रिभोजन राम
जैनों के 19 वे तीर्थंकर मल्लिनाथ की विस्तृत कथा । श्रेणिक राजा की एवं उनके पुत्र सुकाल के पुत्र महापद्म की, महापद्म चक्रवर्ती की एवं विष्णुकुमार मुनि आदि की यथाप्रसंग संक्षिप्त एवं विस्तृत कथाएँ। जैनों के 20 वें तीर्थंकर मुनिसुव्रत स्वामी की संक्षिप्त कथा। कृष्णवासुदेव के पुत्र शाम्ब की पट्टरानी मूलश्री की संक्षिप्त कथा। मेतार्य मुनि द्वारा अपने प्राण देकर सुनार से क्रौंच पक्षी के प्राणों की रक्षा की कथा । श्रेणिक राजा के पुत्र मेघकुमार जिसने भगवान महावीर के पास दीक्षा ली थी, उसके चार भव की कथा। श्री धर्मनाथ तीर्थंकर एवं उनकी अतिशयवती प्रतिमा की कथा। शीलव्रत संबंधी जैनों के 22 वें तीर्थंकर अरिष्टनेमि के पित्राई रथनेमि एवं राजीमती की कथा। कोणिक के पुत्रों और चेटक राजा के रथमुशल संग्राम की कथा । वणिक के दृष्टांत से उपनय कथा मर्यादापुरुषोत्तम अष्टम वासुदेव राम एवं महासती सीता की कथा । विद्यासिद्ध पेढाल परिव्राजक (जैन रामायण के अनुसार सत्यकी विद्याधर जिसके अपरनाम रुद्र, नीलकण्ठ, महेश्वर आदि हैं) की संपूर्ण जीवन कथा एवं उज्जैन में महेश्वर (महाकाल) की उत्पत्ति की कथा। कुण्डिनी नगरी की राजकुमारी रुक्मिणी का कृष्ण के द्वारा अपहरण एवं परिणय की कथा। भगवान महावीर की औषधदात्री रेवती श्राविका की कथा । रोहिणी (आठ) का परिचय एवं (1) वसुदेव की पत्नी एवं नौवें बलदेव (बलराम) की माता रोहिणी से विवाह
की कथा। (2) राजकथा त्याग के विषय में समुद्र श्रेष्ठी की बालविधवा पुत्री रोहिणी की
कथा।
रुद्र
रुप्पिणी
रुक्मिणी
रेवई
रेवती
रोहिणी
रोहिणी
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