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अभिधान राजेन्द्र कोश की आचारपरक दार्शनिक शब्दावली का अनुशीलन
चंपा
चक्खिदिय
चमर
चरित
चर्यापरीसह
चाणक
चारुदत्त
चितसंभूइय
चिलाई पुत्त
चूपिंड
चुलणीविया
चुल्लसयग
चेइय
चेयवंदण
चतुर्थ भाग :
जंबू
जक्खाइट्ठ
जगडू
जत्तासिद्ध
जमदग्गि
जमालि
जयंती
जयघोस
जवराज
जिणकप्प
णंदराय
नंदिफल
दिवद्धण
चम्पा
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चक्षुरिन्द्रिय
चमर
चारित्र
चर्या पहीषह
चाणक्य
चारुदत्त
चित्रसंभूतीय
चिलातीपुत्र
चूर्णपिंड
चुलनीपिता
चुल्लशतक
चैत्य
चैत्यवंदन
जम्बू
यक्षाविष्ट
जगडू
यात्रासिद्ध
यमदग्नि
यमालि
जिगोयमसीह आहरण जिनगौतमसिंहाहरण
जिणपालिय
जिनपालित
जिब्भिदिय
जिह्वेन्द्रिय
टिंपुरी
टिम्पुरी
जयन्ती
जयघोष
यवराज
जिनकल्प
षष्ठ परिच्छेद... [423]
चंपापुरी नगरी में हुए तीर्थंकर श्री वासुपूज्य स्वामी एवं अन्य अनेक महापुरुषों की पद्यबद्ध लघुकथाएँ ।
नन्दराज
नंदिफल
नंदिवर्धन
चक्षुरिन्द्रिय लोलुपता से होती दुर्गति के विषय में धारिणी रानी एवं धन सार्थवाह की कथा ।
चमरेन्द्र के द्वारा सौधर्म देवलोक में किये गए उत्पात की कथा ।
चारित्र गुण संबंधी कुंभ, एवं मण्डप - सर्षव की कथा ।
चर्यापरीषह को समभावपूर्वक सहन करने के विषय में संगम स्थविर की कथा । चाणक्य मंत्री की कथा ।
मूर्छात्याग के विषय में चारुदत्त की कथा ।
निदान शल्य का फल दर्शानेवाली चित्र एवं संभूति मुनि की कथा ।
त्रिपदी से प्रतिबोधित चिलातीपुत्र की कथा ।
अंजनचूर्ण से अदृश्य होने की सिद्धि के द्वारा दुष्काल में आहार ग्रहण के विषय
में दो बाल - साधुओं की कथा ।
चुलणीपिता श्रावक की कथा ।
भगवान महावीर के चतुर्थ श्रावक चुल्लशतक की कथा ।
द्रव्यस्तव के विषय में कूप की दृष्टांत कथा, जिन प्रतिमा पूजा के विषय में द्रौपदी, भद्रा सार्थवाही, सिद्धार्थ राजा की कथा आदि ।
चैत्यवंदन के विषय में भुवनमल्ल की, गंधार - श्रावक की कथा ।
सुधर्मास्वामी के शिष्य बालब्रह्मचारी जम्बूस्वामी जिन्होंने विवाह की रात को ही आठों पत्नियों, उनके माता-पिता एवं प्रभवादि 500 चौरों को प्रतिबोधित कर 527 लोगों के साथ दीक्षा ली। वे इस अवसर्पिणी काल में अंतिम केवलज्ञानी हुए, उनकी विस्तृत कथा |
जिसके शरीर में दूसरी यक्ष - भूत प्रेतादि आत्मा प्रविष्ट है उस साधु के साथ कैसा व्यवहार हो ? इस हेतु श्रेष्ठी, लघुभ्राता, और दृतिका की उपनय (दृष्टांत) कथा । जगत्प्रसिद्ध दानवीर जगडूशा जिसने वि.सं. 1315 के अकाल में पूरे हिन्दुस्तान को निःशुल्क अन्न दिया था उसकी कथा ।
जिसके ऊपर समुद्र (समुद्र का अधिष्ठायक देव ) प्रसन्न हुआ था, एसे समुद्रयात्री तुण्डिक नामक वणिक् की कथा ।
यमदग्नि तापस (जो कि परशुराम का पित्राई था) की कथा ।
भगवान महावीर के सांसारिक जामाता प्रथम निह्नव जमालि की कथा । भगवान महावीर की परम श्राविका जयंती की कथा ।
जयघोष एवं विजयघोष मुनि के वैराग्य प्राप्ति की कथा ।
अतिविषयसेवन से पतन के विषय में उज्जैन के यवनराजा के पुत्र गर्दभराज की
कथा ।
साधु-साध्वियों के निरतिचार जीवन के विषय में बहु, सूचित पत्र एवं राजा की द्दष्टांत कथा तथा पुष्पचूल राजकुमार की सत्य कथा ।
महावीर स्वामी, गौतम स्वामी और किसान की लघु कथा ।
निरतिचार चारित्रपालन संबंधी जिनपालित एवं जिनरक्षित की कथा ।
रसलालच (मांसाहार से होनेवाली हानि ) के विषय में सोदास की कथा । श्री टिपुरीतीर्थ, श्री चेल्लणा पार्श्वनाथ की एवं नियमपालन के ऊपर वंकचूल की
कथा |
पाटलिपुत्र के नंद राजा की कथा एवं पाटलीपुत्र में हुए अनेक महापुरुषों का परिचय | नंदिफल के दृष्टांत से धन्ना सार्थवाह की कथा ।
मथुरानगरी के श्रीदाम राजा के पुत्र नंदिवर्धन की कथा
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