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________________ कत्ति कयणू अभिधान राजेन्द्र कोश की आचारपरक दार्शनिक शब्दावली का अनुशीलन षष्ठ परिच्छेद... [421] उवहि उपधि उपधि की रक्षा एवं रात्रि में उपधि-ग्रहण के विषय में चोर-सेनापति और चार प्रकार के साधु की कथा। उवालंब उपालम्भ गुरु द्वारा शिष्या को उपालम्भ के विषय में चंदनबाला एवं मृगावती साध्वी की केवलज्ञान प्राप्ति की कथा। उस्सारकप्प उत्सारकल्प आचार्य की, सिंह और लोमडी (सियार) की एवं लब्धिधर साधु की कथा । तृतीय भाग :एकान्त भावना एकत्व भावना राजा पुष्पचूल एवं पुष्पचूला भाई-भगिनी की कथा । एलकक्ख एलकाक्ष वर्तमान मंदसौर का प्राचीन नाम दशार्णपुर था। उसी नगर की एलकाक्ष संबंधी कथा। एसणा समिइ एषणा समिति वसुदेव के पूर्व जन्म की कथा। ओहावम अवधावन प्रायश्चित के विषय में राजा-युवराज-पुरोहित कुमार एवं कुलपुत्र की उपनय कथा और रोहिणेय चोर की कथा। कंबल कम्बल कंबल-शंबल-नामक बैल की धर्म-आराधना से देवगति की कथा। कंडरिय कंडरिक भावशुद्धि के विषय में पुंडरीक राजा और कंडरीक मुनि की कथा । कणाणयणीय कन्यानयनीय कन्यानयनीय श्री महावीर स्वामी की कथा । कण्ह कृष्ण नौवें वासुदेव श्रीकृष्ण की कथा। कार्तिक सम्यकत्व की दृढता के विषय में कार्तिक सेठ की कथा । कप्प कल्प विभिन्न गच्छों की उत्पत्ति, परम्परा एवं गुरुभक्ति के विषय में राजा तथा वैद्य की उपनय कथा। कप्पअ कल्पक कामविजेता स्थूलिभद्र के पूर्वजों की कथा । कृतज्ञ कृतज्ञता गुण संबंधी वामदेव की कथा। करकंडु करकण्डु प्रत्येक बुद्ध करकण्डु की कथा। कवड्डिजक्ख कपर्दि यक्ष शत्रुजय तीर्थ एवं नवकार महामंत्र के माहात्म्य संबंधी कपर्दि यक्ष की उत्पत्ति की कथा। काउसग्ग कायोत्सर्ग कायोत्सर्ग के फल के विषय में सुभद्रा महासती एवं सुदर्शन सेठ की कथा। कामदेव कामदेव भगवान महावीर के श्रावक कामदेव की कथा। काल काल आरंभ कार्यों से होती दुर्गति के विषय में श्रेणिक राजा के पौत्र कालकुमार की कथा। कालासवेसियपुत कालाश्यवैशिकपुत्र पार्श्वनाथ भगवान के शासन में हुए, पच्चक्खाण क्रिया से निर्वाण प्राप्त हुए कालाश्यवैशिकपुत्र अनगार की कथा। काली काली श्रेणिक राजा की रानी काली के रत्नावली तप एवं सुकाली के कनकावली तप की कथा। किइकम्म कृतिकर्मन् द्रव्यवंदन एवं भाववंदन से होनेवाले लाभ के विषय में क्षुल्लक, कृष्ण वासुदेव, सेवक एवं पालक राजा की दृष्टांत कथा। किरिया क्रिया अधिकरणस्वामित्त्व क्रियासंबंधी गुणचंद्र-बालचंद्र की कथा। कुंडकोलिय कुंडकोलिक श्री उपासक दशांग सूत्रवर्णित भगवान महावीर के श्रावक कुंडकोलिक की कथा । कुंतलदेवी कुन्तलदेवी मात्सर्यपूर्वक जिनपूजा के फल के विषय में कुंतलदेवी के दो भवों की कथा। कुन्थु जैनों के वर्तमान चौवीसी के 17 वें तीर्थंकर श्री कुंथुनाथ की कथा। कुडुंबेसर कुडुम्बेश्वर अवंती नगरी में आचार्य वज्रसेनसूरि द्वारा प्रतिष्ठित शक्रावतार तीर्थ में शोभायमान श्री ऋषभदेव प्रतिमा की उत्पत्ति की कथा। कुणाल कुणाल सम्राट अशोक के पुत्र एवं सम्राट संप्रति के पिता कुणाल की कथा। कुतियावण कृत्रिकापण देवताधिष्ठित दुकान एवं भरुच नगर के व्यापारी तथा भूत की कथा । कुरुचंद कुरुचंद्र जिनधर्म आराधना एवं गृहस्थाचार के व्रतपालन के विषय में कुरुचन्द्रराजा की कथा। कुलकर कुलकर सातों कुलकरों की उत्पत्ति की कथा । कुणिय कोणिक श्रेणिकराजा की रानी चेल्लणा के पुत्र कोणिक की कथा। कुंथु Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003219
Book TitleAbhidhan Rajendra Kosh ki Shabdawali ka Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshitkalashreeji
PublisherRaj Rajendra Prakashan Trust
Publication Year2006
Total Pages524
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size17 MB
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