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________________ अनुयोगद्वार सूत्र सामायिक उपक्रम अनुयोगद्वारसूत्र : एक झलक में अध्ययन , ज्ञान गुण प्र. आनुपूर्वी नाम द्रव्य प्रमाण इन्द्रिय प्रमाण वक्तव्यता अर्थाधिकार समवतार प्र.नि. वि.नि. प्र. नि = प्रदेश निष्पन्न वि.नि. विभाग निष्पन्न चतुर्विंशतिस्तव वन्दन प्रतिक्रमण कायोत्सर्ग जीवगण प्र. 1111 प्रत्यक्ष दर्शन चारित्र गुण प्र. गुण प्र. श्रोत्रेन्द्रिय निक्षेप नोइन्द्रिय Jain Education International चक्षु अचक्षु अवधि केवल ओघनिष्पन्न नामनिष्पन्न - सूत्रालाप कनिष्पन्न क्षेत्र प्रमाण प्र.नि. गुण प्रमाण वि.नि. अजीवगुण प्र. वर्ण गंध अवधि मनः पर्यव केवल नय प्रमाण रस • स्पर्श संस्थान सामायिक छेदोपस्थापनीय - परिहारविशुद्धि • सूक्ष्मसंपराय यथाख्यात चक्षुरिन्द्रिय अनुमान अनुगम सूत्रानुगम - निर्युक्त्यनुगम काल प्रमाण प्र.नि. नैगम संग्रह व्यवहार • ऋजुसूत्र शब्द समभिरुढ • एवंभूत - पूर्ववत् शेषवत् - दृष्टसाधर्म्यवत् वि.नि. संख्या प्रमाण उपमान नय नाम स्थापना द्रव्य उपमान परिमाण ज्ञान गणना भाव → शब्द For Private & Personal Use Only नैगम संग्रह व्यवहार प्रत्याख्यान ऋजुसूत्र साधर्म्यापनीत वैधम्र्योपनीत समभिरुढ़ एवंभूत भाव प्रमाण घ्राणेद्रिय रसनेन्द्रिय स्पर्शनेन्द्रिय आगम 387 लौकिक लोकोत्तर www.jainelibrary.org
SR No.003218
Book TitleJinvani Special issue on Jain Agam April 2002
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year2002
Total Pages544
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Canon, & Agam
File Size23 MB
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