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| आचारांग सूत्र का मुख्य संदेश : अहिंसा और असंगता
1031 विजय, परीषह विजय, तितिक्षा, विनय, कर्म लाघव, उपधि त्याग आदि ऐसे सैकडों विषय हैं जिन पर यदि साधक चिन्तन करे, उनकी भावना करता रहे तो प्रत्येक सूत्र में से जीवन की दिव्यता का, भावों की श्रेष्ठता का निर्मल प्रकाश प्राप्त हो सकता है।
सारांश रूप में दो शब्दों में आचारांग का संदेश व्यक्त किया जा सकता है... १. सर्वत्र सब जीवों के प्रति समत्वभाव की अनुभूति और २. आन्तरिक विकारों पर विजय । अर्थात् अहिंसा और असंगता-- आचारांग का मूल संदेश है।
-ए 7, अवागढ हाउस, एम.जी.रोड, आगरा (उ.प्र.)
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