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इस भ्रांति से बचने की जरूरत है कि प्राचीन 'विदेह' ही आज का 'बिहार' राज्य है ।
उपर्युक्त शास्त्रीय उद्धरणों, विद्वानों के विमर्श एवं मन्तव्यों, अंग, मगध और विदेह देशों ( जनपदों) के सीमा - सम्बन्धी विवरणों से स्पष्ट है कि भगवान् महावीर का जन्म विदेह - देश कुण्डपुर (कुण्डलपुर या कुण्डग्राम) में हुआ था, जो इससमय वासुकुण्ड या बासोकुण्ड नाम से प्रसिद्ध है तथा मुजफ्फरपुर जिले के सरैया' प्रखण्ड में है । यहाँ से प्राचीन वैशाली ( बसाढ़) लगभग पाँच किलोमीटर की दूरी पर है। लिछुआड़ का समीपवर्ती क्षत्रियकुण्ड, जो मुगेर जिले में है, तथा कुण्डलपुर ( नालन्दा ) भगवान् महावीर का जन्मस्थान नहीं है, क्योंकि ये 'क्रमश: अंग और मध्य देश में मौजूद हैं। समाज तो श्रद्धालु होता है, इसलिये विद्वानों, साधुसंस्थाओं, समाज के नेतृत्त्व वर्ग से यह अपेक्षित है कि वे उसे भ्रम में न डालें । यदि पहले से समाज में कोई गलत धारणा बनी हुई है, तो उसके विषय में उसे सावधान करें । मेरे इस लेख का उद्देश्य किसी की श्रद्धा को प्रभावित करना नहीं है, बल्कि समाज को यथार्थ की जानकारी देना है । अनेकान्तवादी जैनदर्शन में आग्रह के लिये स्थान नहीं है ।
महावीर की जन्मभूमि के विषय में जैनसमाज के वर्तमान नेतृत्व के उद्गार
यह निर्विवाद सत्य है कि भगवान् महावीर की जन्मस्थली 'वैशाली' है । इसके साक्ष्य प्राचीनतम ग्रन्थों में उपलब्ध हैं । दुःख की बात है कि इस विषय में कुछ विवाद उठ खड़े हुए हैं। किन्तु मेरा विश्वास है, यह स्मारिका उन विवादों को सुलझाने में सर्वथा सहायक सिद्ध होगी ।
भगवान् महावीर की जन्मस्थली पुण्यतीर्थ 'वैशाली' को मैं अपना प्रणाम निवेदित करता हूँ। -प्रदीप कासलीवाल, अध्यक्ष, श्री दिगम्बर जैन महासमिति, इन्दौर
- बिहार की पुनीत भूमि पर अवस्थित 'वैशाली' भगवान् महावीर की जन्मभूमि के रूप में गौरवान्वित है । वर्द्धमान के 2601 वें जन्म महोत्सव के अवसर पर समस्त जैनसमाज वैशाली के प्रति पूर्ण आस्था के साथ श्रद्धानत हो, ऐसी मेरी मंगलकामना है। -निर्मल कुमार जैन (सेठी), अध्यक्ष, श्रीभारतवर्षीय दिगम्बर जैन (धर्मसंरक्षिणी ) महासभा, इन्दौर ••
जिस तरह बुद्ध की जन्मभूमि लुम्बिनी को अशोक से लेकर आज तक के बौद्ध न भुला सके, उसी तरह जैन बन्धुओं को महावीर की जन्मभूमि 'वैशाली' को नहीं भुलाना चाहिये । - आचार्य विजयेन्द्र सूरि ••
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- (साभार उद्धृत -
'भगवान् महावीर स्मृति- तीर्थ' नामक स्मारिका, प्रकाशक- भगवान् महावीर स्मारक समिति, पटना )
प्राकृतविद्या जनवरी-जून 2002 वैशालिक - महावीर विशेषांक
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