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________________ भगवान् महावीर की जन्मभूमि ‘कुण्डपुर' विदेह में या मगध में ___-सतीश चन्द्र जैन आज भगवान् महावीर के 2600वें जन्मकल्याणक वर्ष के प्रसंग में और कोई उपलब्धि हुई हो या न हुई हो; किन्तु एक विवाद अवश्य उठ खड़ा हुआ है, और वह है भगवान महावीर की जन्मभूमि के विषय में। प्राचीन आचार्यों और विद्वानों का बहुसंख्यक वर्ग भगवान् महावीर की जन्मभूमि ‘कुण्डपुर' को विदेहप्रान्त में स्पष्ट रूप से घोषित करता है, जबकि कुछ आचार्य और विद्वान् इसे मात्र कुण्डपुर' या 'कुण्डलपुर' बताते हैं, इसके क्षेत्र-विशेष का उल्लेख नहीं करते। अभी कुछ लोगों ने इसे नालन्दा के पास मगध-प्रान्त में बताने का एक नया आन्दोलन छेड़ा है। ऐसी स्थिति में समाज में बहुत बड़ा भ्रम फैल रहा है कि भगवान् महावीर की जन्मभूमि वास्तव में क्या थी? तथ्यों के आलोक में यदि हम विचार करें, तो हम पाते हैं कि सभी आचार्यों ने इसे 'कुण्डपुर', 'कुण्डग्राम' या कुण्डलपुर' के नाम से उल्लेखित किया है; चूँकि इस नाम के नगर या ग्राम आधुनिक बिहार-प्रान्त में भी कई हैं, और यह स्थिति प्राचीन आचार्यों और विद्वानों के सामने भी आई होगी; कि इनमें से किसे भगवान् महावीर की जन्मभूमि माना जाये? तो अधिकांश आचार्यों और विद्वानों ने इसके साथ विदेह' शब्द को जोड़ दिया, और यह स्पष्ट किया कि विदेह में जो कुण्डपुर है, वही भगवान् महावीर की जन्मभूमि है, अन्य कोई नहीं। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि भगवान् महावीर की जन्मभूमि तत्कालीन विदेह' नामक प्रान्त में थी। अत: आज यह जानना अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है कि महावीर के समय में विदेह-प्रान्त किसे कहा जाता था? और आज जिस नालन्दा के समीपवर्ती गाँव कुण्डलपुर को महावीर की जन्मभूमि के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, क्या वह महावीर के युग में विदेह-प्रान्त में था? __यह एक बड़े आश्चर्य की बात है कि नालन्दा के पास का गाँव 'बड़गाँव' के नाम से जाना जाता रहा है, और आज भी जाना जाता है। इसके नामकरण में 'कुण्डपुर' या 'कुण्डलपुर' का प्रयोग प्राचीन ग्रन्थों अथवा आधुनिक सरकारी दस्तावेज़ों में कहीं नहीं है। फिर भी इसे भगवान् महावीर की जन्मभूमि बताने का अभियान चलाया जा रहा है यह चिन्ता का विषय है। प्राचीन इतिहास और भूगोल के अनुसार यह गाँव मगधप्रान्त' में रहा 018 प्राकृतविद्या-जनवरी-जून '2002 वैशालिक-महावीर-विशेषांक For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International
SR No.003216
Book TitlePrakrit Vidya 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2001
Total Pages220
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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