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________________ प्राचार्य कक्कत्रि का जीवन ] [ओसवाल सं० १३६२-१४११ कूपा ने नक्षत्र नेमिनाथ १७-जुरोरी के प्राग्वट जाति के चणोट ने । भगवान् पार्श्वनाथ मन्दिर की प्र० १८-वर्धमानपुर के १६-खेटकपुर के हडाउने २०-करणावती के जावड ने २१-चन्द्रावती के गुणधर , अजित ने धर्मनाथ १२-कुन्तिनगरी के सांढा ने विमलनाथ १३-चंदेरी के गुरुड , लाखा ने पाश्वनाथ १४-हर्षपुर के चोरडिया, समधर ने ५-भवानीपुर के पोकरणा, भाला ने सीमंधर १६--नागपुर के प्राग्वट भोपाल ने पदमनाथ १७-उपकेशपुर के मणण ने आदिनाथ ८-नारदपुरी के माला ने. -सीतलपुर के रूघा ने -सोजलपुर के जावड़ ने मल्लिनाथ १-सीसरी माडा ने पार्श्वनाथ सावंत ने ३-धोलपुर के ,, ठाकुरसी ने महावीर , पूज्याचार्य श्री के ५६ वर्षों के शासन में तीर्थ यात्रार्थ संघादि शुभ कार्य १-खटप के श्रेष्टि जाति के सिहक ने शत्रुसय तीर्थ की यात्रार्थ संघ २–पालिका के तातेड़ पूंजा ने ३-नारदपुरी के संचेति ४-चन्द्रावती प्राग्वट कर्मा ने ५-नागपुर चोरलिया श्रादू ने ६-डमरेल पोषीवाल अर्जुन ने ७-मथुरा पारख देवड़ा ने सम्मेत शिखरजी की यात्रार्थ संघ -चन्द्रपुरी के छाजेड़ पोलाक ने शत्रुञ्जय की यात्रार्थ संघ ६-श्रामापुरी के मल्ल गुणाढ़ ने सम्मेत शिखरजी की यात्रार्थ संघ -पद्मावती प्राग्वट फूसा ने शत्रुक्षय की यात्रार्थ संघ निकाला १-स्थम्मनपुर श्रीमाल रामाने , २-बटपुर श्रीमाल मरवण ने , ३-रूपनगर के राखेचा साखना ने ,, ४-विजयपुर के नक्षत्र ५-हस्तीकून्ट के हथुडिया ६-काकपुर के कलावत माडा ने , -शाकम्मरी के लघुश्रेष्टि राजसी ने 7-उपकेशपुर के कुम्मट शाह नारा ने दुकाल में अन्न वस्त्र घास दिया परीश्वरजी के शासन में संघादि शुभ कार्य १३८७ For Private & Personal Use Only am.janelibrary.org पारस ने भोजा ने मादू ने , " Jain Education International
SR No.003212
Book TitleBhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
Publication Year1943
Total Pages842
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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