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________________ आचार्य सिद्धसरि का जीवन ] [ ओसवाल सं० ९२०-९५८ anwwwwwwwwwimm ४ चटभट-पुलिस सिपाही ५ ध्रुव-प्राम का हिसाब रखना वाला नवंशज अधिकारी वलटीया कुलकरणी के समान ६ अधिकरणिक-मुख्य जज ७ डंड पासिक-मुख्य पुलिस सआफिर ८ चौरद्धर्णिक-चोर पकड़ने वाला ९ राजस्थानिय-विदेशी राजमंत्री १० अमात्य-राज मंत्री ११ अनुत्पन्ना समुद्राहक-पिच्छला कर वसूल करने वाला १२ शौकिक-चुंगी श्राफिसर १३ भोगिक या भोगोर्णिक-आमदनी या कर वसूल करने वाला १४ वर्मपाल-मार्ग निरीक्षक सवार १५ प्रतिसरक-क्षेत्र या प्रामों के निरीक्षक १६ विषयपति-प्रान्त का आफिसर १७ राष्ट्र पति-निला का अफसर १८ प्रामकूट-ग्राम का मुखिया इससे अनुभव लगाया जा सकता है कि उस समय राज व्यवस्था कितनी अच्छी थी। वल्लभी राजवंश की नामावलीइन राजाओं का चिन्ह वृषभ का है तथा ई० सं० ३१९ से बल्लभी संवत् भी चलाया था। १ सेनापति भट्टारक ई० सं० ५०९-५२० (छः वर्ष का पता नहीं) २ ध्रुवसेन (१) ५२६-५३५ (चार वर्ष का पता नहीं) ३ प्रहसेन ५३९-५६९ ४ धारसेन ५६९-५८९ नं. ३ का पुत्र ५ शिलादित्य (१) ५९०-६०९ नं. ४ का पुत्र ६ खरग्रह ६१०.६१५ नं. ५ का भाई ७ धारसेन ६१५.६२० नं० ६ का पुत्र ८ ध्रुवसेन (२) ६२०-६४० नं० ७ का भाई ९ धारसेन (४) ६४०-६४९ नं. ८ का पुत्र १० ध्रुवसेन ६५०-६५६ देरा भट्ट का पुत्र ११ खरग्रह (२) ६५६-६६५ नं० १० का भाई १२ शिलादित्य (३) नं० ११ का भाई १३ शिलादित्य (४) ६७५.६९१ नं० १२ का पुत्र १४ शिलादित्य (५) ६९१.७२२ नं० १३ का पुत्र वल्लभी का राजवंश ९७७ wwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwww Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003212
Book TitleBhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
Publication Year1943
Total Pages842
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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