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________________ आचार्य सिद्धरि का जीवन ] श्रदित्यना ३ - मेदनीपुर के ४ -- जोगनीपुर के सुचंती गौ ५ - नारदपुरी के सुघड़गौत्री ६ -- कंटक के श्रदित्यानगागौ० ७ - बोलाकी श्रेष्टिगौ ८ - श्ररहणी ९ - मादरी १६ - मानपुर १७- रत्नपुर १८ - रावोली १९ - कण्डनेर के १० - जोवासा ११ - वल्लभीपुरी के १२ - राजवाड़ी के १३ – उचकोट के १४- मारोटकोट के १५--- धौलौना के के के के के के के के २० Jain Education International २५- भावनीपुर के २६ -- सत्यपुर के २७- - कोरंटनगर के 2 भूरिंगो भाद्रगौ० कुमटगौ कनोजिया डिडू गौ० बाप्पनाग० चोरलिया जाति 2 २० - दान्तिपुर के बलाहगौ ० मोरक्षगौ० १२ - विशोणी के २२ - विराटनगर के भूरिगो० २३- नागपुर के विरहटगौ २४ - पतोलिया के फुलभद्रगो रांकारजाति पोकररणा जाति लघुश्रेष्टि तप्तभट्टगौ० बाप्पनागगौ० "" ,, खुमाण दुर्गा मांदा के सांगण के :" ,, सहजपाल के यशोदित्य के "" ,, यशपाल के ” मुकन्द "" 19 ,, मथुरा रामदेव राजसी के "1 59 " चतरा के के 29 "" ऊमा अर्जुन सोमा " ” शादूला " पन्ना " मन्ना धीरा कमला "1 " आइदान के " आसा बनाये ,, कृ.प्पा " जसा " "" "" "" "" 33 33 39 33 99 "" "" 33 "" For Private & Personal Use Only [ ओसवाल संवत् ६२०-६५८ "" महावीर ० महावीर ० 39 13 "" "" आदीश्वर "3 महावीर "3 99 "9 19 "" 10. पाश्वनाथ "" "" बिमल "" महाबीर 12 19 " " "" "" 99 " 19 19 "" 99 59 59 39 33 19 "" " 99 27 "" 33 "" "3 19 " 91 "9 17 19 " 19 39 ") 19 19 11 "" 97 35 "" 19 प्राग्वटवंशी प्राग्बटवंशी श्रीमालवंशी " काल के इनके अलावा और भी कई प्रान्तों में कइ मुनियों द्वारा विशाल मन्दिरों की एवं घर देरासर की प्रतिष्टाएँ हुई थी क्योंकि वह जमाना ही ऐसा था कि प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में छोटा बडा एक मन्दिर बनाना अवश्य चाहता थाः--- पट्ट पैतीसवे सिद्धसुरोश्वर, विरहटगौत्र वर भूषणये । चन्द्र स्पर्द्धा कर नहीं पाता, क्योकि उसमें दूषण ॥ साल सेठ और वीर हुल्लाकी, जैनधर्म में दीक्षित किये । क्रान्तीकारी उद्योत किया गुरु, युगप्रधान बहुलाम लिये || इति भगवान् पार्श्वनाथ के ३५ वे पट्टधर आचार्य सिद्धसूरि महाप्रभाविक आचार्य हुए। "" "" " 11 "" "" " "" [ सूरिजी का स्वर्गवास www.jainelibrary.org
SR No.003212
Book TitleBhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
Publication Year1943
Total Pages842
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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