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भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास
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सूरिजी ने मुनियों को विहार का आदेश दिया उस समय चामुंडा देवो आकर सूरिजी से प्रार्थना की कि हे प्रभो ! आप यहाँ चतुर्मास करावे आपको बहुत लाभ होगा अतः ३५ साधुओं के साथ सूरि श्रीने
चतुर्मास किया शेष ४६५ मुनि विहार कर दिया। पृष्ठ ७१
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dan edical राजसुता अपने पति देव के साथ सुख शरया में सो रही श्री रानि समय राजा के जमाई को पीता खाँण हे).org