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भगवान पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास'
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P.SMALI
आचार्य स्वयप्रभसूरि पद्मावती नगरी में होने वाला वृहद्, यज्ञ में जाकर वहाँ के राजा प्रजा को उपदेश देकर ४५००० घर वालों को जैन बना कर जैनधर्म का प्रचार किया । पृष्ठ ५४
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आचार्थं स्वयंप्रभसूरि जंगल में देवियों को उपदेश दे रहे हैं ऊपर से जाता हुआ विमान रुक गया उस विमान के विद्याधरोंसे रत्नचूड़ादि ५०० विद्याधरों ने सूरिजी के हाथों से दीक्षा ली । पृष्ठ ६३
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