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पत्र नंबर | चित्र संख्या
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දිපු
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आचार्य श्री देवगुप्तसूरीश्वरजी महाराज स्थलिभद्र ने कोश वैश्या के यहाँ १२ वर्ष प्रेम से रहना श्रक के हाथो से शकडाल मन्त्री का मारा जाना स्थुलिभद्र की दीक्षा और वैश्या के मकान पर चतुर्मास afra का
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फल तोड़ना और वैश्या का नाच में एक मर्म की गाथा आचार्य श्री सिद्धसूरीश्वरजी महाराज सम्राट् सम्प्रति का माता पिता पितामहादि सम्राट् सम्प्रति-आर्य सुहस्ती श्राचार्य रत्नप्रभसूरि उपकेशपुर में महावीर मूर्ति के प्रन्थियों पर टाकी लगाना आचार्य श्री कक्कसूरिजी की अध्यक्षत्व में शान्ति पूजा ७६ मुग्धपुर में म्लेच्छ ने साधुओं को मार डालना सूरिजी को केद खटकुंप नगर का संघ ने एकादश पुत्रों को सुरिजी के अर्पण आचार्य देव गुप्त सूरि के पास देवर्द्धिगरिण दो पूर्व का अध्ययन चन्द्रनागेन्द्रादि बसेन के चारों शिष्यों को ज्ञान पढ़ाना आचार्य यज्ञदेव सृरि ने सोपार पतन में आगम वाचना देना मथुरा के कंकाली टीला से मिला प्राचीन अयग पट्ट मथुरा के कंकाली टीला से मिली प्राचीन खण्डित मूर्त्तियाँ प्राचीन सिक्का का ब्लौक
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चित्र नाम
ब्राह्मण के पुत्र को सर्प काटना और सूरजी के पास लाना जैनधर्म स्वीकार करने की शर्त पर विषापहरण - १८००० जैनवने पहाड़ी पर पार्श्व मन्दिर की मूर्ति हटा कर देवी की मूर्ति रखदी चार्य रत्नप्रभसूर का शत्रुञ्जय पर स्वर्गवास
आचार्य यक्ष देवरि सिन्ध में जा रहे वहां जंगल में घुड़सवार रावरुद्राट अपना पुत्र कक्व के साथ जैन दीक्षा
आचार्य श्री कक्कसूरीश्वरजी महाराज
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आचार्य कक्कसूरि भ्रांति से मार्गे भूल देवी का मन्दिर में देवगुप्त को बली से बचाकर जैन दीक्षा से दीक्षित करना तीर्थङ्कर देव की प्राचीन मूर्त्ति अष्ट्रीया
साँची का महाबीर स्तम्भ
साँची के महावीर स्तम्भ के सिंह द्वार का एक तरफ का दृश्य सम्राट् अजातशत्रु ( कूणिक ) का बनाया स्तम्भ लेख
कौशल पति राजा प्रसनजितका बनाया हुआ विशाल स्तम्भ कौशल पति राजा प्रसनजित की रथ यात्रा में भक्ति सम्राट् खारबेल का अमरावती का विजय महाचैत्य सम्राट् सम्प्रति का बनाया हुआ सिंह स्तम्भ
नन्दीश्वर द्वीप का०
तीर्थकरों का समवसरण
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