________________
बाहुबति का पौत्र तथा सोमप्रभ का पुत्र बताते हैं । ऋषभदेवस्वामी ने जब अपना राज्य बांटा था तो बाहुबलिं को तक्षशिला और हस्तिनापुर का राज्य सौंपा था ।१६ १६ वें तीर्थंकर मल्लिनाथ (मल्लिकुवरी) स्वामी भी हस्तिनापुर पधारे थे, श्वेताम्बरों की मान्यता के अनुसार वे जन्म से स्त्री थे-पुरुष नहीं । इनको युवावस्था में इन से विवाह करने के लिये जोदराजा मिथिलो पर चढ़ दौड़े थे उनमें हस्तिनापुर का तत्कालीन राजा अदीनशत्रु भी था। पर मल्लिकुवरी के उपदेश से इन छहों राजाओं ने दीक्षा ले ली। __जैनों की मान्यता के अनुसार १२ चक्रवर्ती हो गये हैं। उनमें चौथे चक्रवर्ती सनत्कुमार यहीं हस्तिनापुर में ही उत्पन्न हुए थे। इनके पिता का नाम अश्वसेन और माता का नाम सहदेवी था । इन्होंने इतनी ऋद्धि प्राप्त होने पर भी अन्त में संसार का त्याग कर के दीक्षा ले ली थी।
आठवें चक्रवर्ती सुभूम इसी हस्तिनापुर में हुए थे, इनके १६. बाहुबली हत्थिणाउर-तकलसिलासामी।
-वसुदेवहिण्डप्रथमखण्डम् पृष्ठ १८६
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org