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ग़जपुर, हस्तिनपुर, हस्तिनापुर हस्तिनीपुर, नागाह्वय, नागसाह्वय नागपुर आदि नाम प्रसिद्ध हैं । वसुदेवहिण्डि में भी भारतवर्ष के कुरुजनपद में हस्तिनापर नगर बताया है और उसका राजा विश्वसेन उल्लिखित है।१० राजा विश्वसेन १६वें जैन तीर्थकर भगवान शान्तिनाथ के पिता थे। इन स्थापनाओं का प्रत्यक्ष रूप से समर्थन श्रीदेवेन्द्रसूरि विरचित स्वोपज्ञ श्राद्ध दिनकृत्य वृत्ति में किया गया है ।११
बौद्धों के १६ महाजनपदों में कुरु को भी एक महाजनपद गिनाया है। पालिसाहित्य में इस महाजनपद का विस्तार ८००० योजन बताया है पपञ्चसूदनी ६. देखो ट्राइब्स इन एंशिवएट इण्डिया पृष्ठ ३६६.
अभिधानचिन्तामिण पृष्ठ ३६०
'हस्थिणपुरं' ति 'नागपुरं' कुरुजनपदे, (ठाणांगसूत्र-वृत्तिस. हित, पत्र ४५४) १०.इहेव भरहे कुरुजणवए हथिणउरे नवरे विस्संसेणो राया;वसुदेवहिडि प्रथम खण्डम्, पृष्ठ३४०. ११. श्रह प्रालि रिसहपुत्तो कुरुति तन्नामश्रोध कुरुमित्तं तस्स वि पुत्तो जानो हत्थी हथिगपुराहिवई ।
-स्वोपक्षश्राद्धदिनकृत्य वृत्ति प्रथम विभाग पृष्ठ ११७.
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