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कुरु महाजनपद के उत्पत्ति के सम्बन्ध में कहा गया है कि जम्बुद्वीप के चक्रवर्ती राजा मान्धाता ने देवलोक के अतिरिक्त पुच्चविदेह, अपरगोयान, उत्तरकुरु को जीता उत्तरकुरु से लौटते हुए उस प्रदेश के बहुत से लोग मान्धाता के साथ जम्बूद्वीप में आ गये, जम्बुद्वीप के जिस प्रदेश में ये लोग बस गये उसे 'कुरुरडम्' नाम से पकारा जाने लगा । १२
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इस हस्तिनापुर को वसुदेवहिण्डि में भागीरथी गंगा के किनारे बताया गया है१३ और विविधतीर्थकम्प में भी इसी की पुष्टि की गई है । १४ परन्तु आजकल गंगा का रुख बदल जाने से यह गंगा की पुरानी धारा
१२. ट्राइब्स इन एं शयण्ट इण्डिया ( बिमलचरण ला कृत ) पृष्ठ २३. जियोग्रफी ग्राफ बुद्धिज्म विमलचरण ला कृत ) पृष्ठ १७.
१३. ततो भगीरही रहमारुहिय दण्डरय रोग नदि श्रगरिसति कुरुजणवयाणं मज्मेण फुसंती हत्थिणा उरं नीया. - वसुदेवहिण्डि प्रथमखण्डम् पृष्ठ ३०५.
१४. भागीरथीसलिलसङ्गपवित्रमेतज्जीयाचिवरं गजपुरं भुवि
तीर्थरत्नम् ॥ १६ ॥ -विविधतीर्थकल्प, पृष्ठ ६४.
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