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________________ १६ सम्यक्त्वशल्योद्धार ८१. मुहपत्ती बांधने से वायुकाय की रक्षा होती है ऐसे कहते हो सो किस शास्त्रानुसार ? ८२. हाथ में लटका के गौचरी लाते हो, सो किस शा० ? ८३. अन्य तीर्थो के वास्ते भोजन करा हो उस को कहना कि तुम को शंका न हो तो दे दो, सो किस शास्त्रानुसार ? ८४. रात्रि को सूई रखो तो एक व्रतका दंड कहते हो, सो शा० ? ८५. सूई टूट जावे तो बेले (दो व्रत) का दंड कहते हो, सो किस० ? ८६. सूई खोई जावे तो तेले (३ व्रत) का दंड कहते हो, सो किस० ? ८७. पांच पद की तथा आठ पद की खमावणा कहते हो सो किस शास्त्रानुसार ? ८८. शास्त्रों में साधुओं के समूह को कुल गण संघ कहे हैं और तुम टोला कहते हो सो किस शास्त्रानुसार ? ८९. मुहपत्ती में डोरा डालना और मुंह के साथ बांधना सो किस शास्त्रानुसार ? ९०. ओधे की डण्डी मर्यादा बिना की लंबी रखनी सो किस० ? ९१. बडे बारह व्रत बैठ के बोलने सो किस शास्त्रानुसार ? ९२. छोटे बारह व्रत खडे हो के बोलने सो किस शास्त्रानुसार ? ९३. जब नमुत्थुणं कहना तब पहिले थइ थूई तथा नमस्कार नमुत्थुणं कहना सो किस शास्त्रानुसार ? ९४. नदी उतर के बेले तेले का दंड लेना सो किस शास्त्रानुसार ? ९५. रास्ते में नदी आती हो तो दो चार कोस के फेर में जाना । परंतु नदी नहीं उतरनी सो किस शास्त्रानुसार ? ९६. जंगल जाना तब खंडिये (कपडे के टुकडे) से गुदा पोछनी सो किस शास्त्रानुसार ? ९७. सामायिक में सोहागण स्त्री पंचरंगी मुहपत्ती बांधे, और विधवा एकरंगी बांधे, सो किस शास्त्रानुसार ? ९८. दीवाली के दिनोंमें उत्तराध्ययन सुनाना सो किस शास्त्रानुसार ? ९९. भगवान् महावीर स्वामीने दीवाली के दिन उत्तराध्ययन कहा कहते हो सो किस शास्त्रानुसार ? १००. ओघेके ऊपर डोरे के तीन बंधन देने सो किस० ? १०१. ओघेकी दशियों में जंजीरी पावना सो किस० ? १०२. रजोहरण मोंढे(कंधे) पर डाल के विहार करना सो किस० ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003206
Book TitleSamyaktva Shalyoddhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Punyapalsuri
PublisherParshwabhyudaya Prakashan Ahmedabad
Publication Year1996
Total Pages212
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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