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१०३. प्रथम बड़ा साधु पांचपद की क्षमापना करे पीछे छोटे साधु करे सो किस
शास्त्रानुसार ? १०४. कंडरीक ने एक हजार वर्ष तक बेले बेले पारणा किया कहते हो सो
किस शास्त्रानुसार ? १०५. गोशाले के ११ लाख श्रावक कहते हो सो किस० ? १०६. साधु चोली समान और गृहस्थी दामन समान सो किस० ? १०७. पडिकमणा आया पीछे बडी दीक्षा देनी सो किस० ? १०८. सोलह दिन की अथवा तेरह दिन की पाखी नहीं करनी सो किस
शास्त्रानुसार ? १०९. पांचवें आरे के अंत में चार अध्ययन दशवैकालिक के रहेंगे ऐसे कहते
हो सो किस शास्त्रानुसार ? ११०. पूनीया श्रावक की सामायिक कहते हो सो किस० ? १११. बेले से उपरांत पारिठ्ठावनीया आहार नहीं देना सो किस शास्त्रानुसार ? ११२. सूत्रों का त्याग कर देना, अपनी निश्राय नहीं रखने, सो किस शास्त्रानुसार ? ११३. छोटी पूंजणी रखनी सो किस शास्त्रानुसार ? ११४. पोथी पर रंगदार डोरा नहीं रखना कहते हो सो किस० ? ११५. आप चिठ्ठी नहीं लिखनी, गृहस्थी से लिखाना सो किस शास्त्रानुसार ? ११६. कपडे सजी से नहीं धोने, पानी से धोने सो किस० ? ११७. ध्यान पार कर मन चला, वचन चला, काया चली, कहते हो सो किस
शास्त्रानुसार ? ११८. पशम का कपड़ा नहीं लेना सो किस शास्त्रानुसार ? ११९. कई जगह श्रावक पडिकमणे में श्रमणसूत्र कहते हैं सो किस
शास्त्रानुसार, क्योंकि श्रमणसूत्र में तो साधु के पांच महाव्रत और गौचरी
वगैरह की आलोयणा है। १२०. कई जगह ढूंढक श्रावक सामायिक बांधू ऐसे कहते हैं सो किस
शास्त्रानुसार ? १२१. विहार करने के बदले उठे कहते हो सो किस० ? १२२. एक जना लोगस्स पढ लेवे और सब का काउसग्ग हो जावे सो किस
शास्त्रानुसार ? १२३. पर्युषणापर्व में अंतगडदशांगसूत्र पढना किस० ? १ लुधियाना नगर में निकाले ढूंढियों के नूतन दर बोलों में लिखा है कि : पशम का कपडा दिन
में नहीं ओढना रातकी बात न्यारीः ।
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