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________________ '४४-आप जिन प्रतिमा को जिन सारखी कहते हो उत्तर २१८ ४५ - मूर्ति जिन सारखी है तो उसमें अतिशय कितने हैं ? ,, ४६ - मूर्ति पर पशु विंटे क्यों कर देते है ? , २१९ ४७-प्रतिमापूजा से ही मोक्ष होती है तो तप०१ , २२० ४८--मूर्ति पर अलंकार क्यों ? , २२१ ४९-मन्दिरों में चोरियाँ क्यों होती है ? ५० -पाछा क्यों आये मुक्ति जाय के जि० प्र. ? ५१- मूर्ति पर कच्चा पानी क्यों डाला जाता है ? , ५२--मुक्ति नहीं मिलसी प्रतिमा पूजियों ? , ५३-प्रतिमा की पूजा कर कोई मुक्ति गया है ? ,, ५४-मोक्षाभिलाषी को मूर्ति पूजा करनी चाहिये ? ,, ५५-देवता मूर्ति पूजता है इसका क्या प्रमाण है ? , ५६-परचो नहीं पुरेपार्श्वनाथजो सब झूठो ? , ५७-सत्रों में चार निक्षेपें बतलाये हैं ? , २२६ ५८-सात नय में मूर्तिपूजा किस नय में है ? ५९- आप ही बतलाइये ? ६०-मूर्ति जड़ है उसे पूजने से क्या लाभ है ? ,, ६१-पाँच महाव्रत की २५ भावनायें मूर्तिपूजा ? ,, ६२-गृहस्थावास में तीर्थङ्करों को किसीने वन्दन० १,, ६३-मूर्ति में गुणस्थान कितने हैं ? " २३० ६४-श्रावक के बारह व्रतों में मूर्ति पूजा ? , ६५-यह तो हमारा संसार खाता है ? ६६ -- पत्थर को गया को पूजा करने से क्या० ? , ६७-पत्थर का सिंह की मूर्ति० मार सकती है ? , Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003204
Book TitleMurtipooja ka Prachin Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatna Prabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1936
Total Pages576
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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