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यहूदियों में मूर्तिपूजा
सिवाय कुछ न हुआ। भले ही वे मनुष्य मन्दिरों की मूर्तियों का नाश करने में शक्तिमान हुए हों पर मूर्तिऐं जो कि जन समाज के हृदय मन्दिर में सर्वदा निवास करती हैं उन्हें तोड़ने को किसी के पास कोई शक्ति है ही नहीं।
___लार्ड मेकोले मिल्टन के निबन्ध का अभिप्राय" उपरोक्त कथन से अंग्रेज प्रोटस्टेन्ट भी मति पूजक ही है।
३- मर्ति पूजा नहीं मानने वालों में तीसरा नम्बर यहूदियों का है जिन की संख्या प्रायः १२ करोड़ है। परन्तु गौर कर देखा जाय तो वे लोग भी मर्तिपूजा से सर्वथा बचे नहीं रह सक्ते हैं। क्योंकि किसी न किसी रूप से वे लोग भी मूर्ति को स्वीकार कर उनकी पूज्य भाव से पूजा अवश्य करते हैं । देखिये " वाइबिल" के पूर्वार्द्ध में इस विषय का उल्लेख कैसा मिलता है।
__ दाऊद को यह विचार आया कि मुझे गड़रियों में से ईश्वर ने राजा बनाया था। अब तो मैं बहुत बढ़िया मकान में रहता हूँ और ईश्वर को तम्बू के परदे में रखता हूँ। ऐसा न होना चाहिये। इतने ही में नथान नामक पुरोहित के स्वप्न में खुद परमेश्वर ने दर्शन देकर कहलाया कि :
Go and tell ny servant David, thus saith the God, shalt thou build me a house for me to dwell in ?
Old I. II Samuel. Chap. VII/5 Whereas I have not dwelt in any house since the time that I brought up the children of Israel
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