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रमणीय पहाड़ों पर जैन मन्दिर
२-हिमालय पहाड़ पर भी एक समय जैनमन्दिर थे और यह पहाड़ जैनों का धाम तीर्थ समझा जाता था, इसका उल्लेख श्री जिनप्रभसूरि कृत तीर्थकल्प में मिलता है ।
३-सम्मेत शिखरगिरि-यह जैनियों का तीर्थ धाम है । वर्तमान चोवीस तीर्थंकरों में से वीस २० तीर्थङ्करों का निर्वाण इसी पवित्र पहाड़ पर हुआ था । वहाँ यदि मन्दिर और पादुकाएँ हो तो इसमें आश्चर्य क्या है।
४-राजगृह के उदयगिरि पर जैन मन्दिर । ५-राजगृह के रत्नगिरि पहाड़ पर जैन मन्दिर । ६-राजगृह के विपुलगिरि पहाड़ पर जैन मन्दिर । ७-राजगृह के व्यवहारगिरि पहाड़ पर जैन मन्दिर । ८-राजगृह के सोनगिरि पहाड़ पर जैन मन्दिर । ९-क्षत्रिय कुण्ड की पहाड़ी पर जैन मन्दिर । १०-पहाड़पुर ( बङ्गाल ) के बड़ा टोला पर जैन मन्दिर । ११-कोलसी पहाड़ ( भद्रलपुर ) पर जैन मन्दिर ।
१२-ढकांगी की पहाड़ी पर जैन मन्दिर । . १३-तोर्थाऽधिराज श्री शत्रुञ्जय-यह जैनों का प्रसिद्ध तीर्थ धाम है । और वह जैनमन्दिरों से खूब ही विभूषित है हजारों लाखों लोग वहाँ यात्रार्थ जाकर सेवा पूजा कर अपनी आत्मा को पवित्र और निर्मल बना देते हैं।
१४-श्री गिरिनारजी के पहाड़ पर भी बहुत जैनमन्दिर हैं। - १५-आबूजी के पहाड़ पर अपनी शिल्पकला से संसार को चमत्कृत करनेवाला विशाल जैन मन्दिर है ।
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