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मुंडस्थल मन्दिर
... The original erection of the Stupa in brick in the time of Parshwanath, the predecessor of Mahavir would fall of a date not later than 600 B. C.
Probably therefore this Stupa, of which Dr. Fuhrer exposed the foundation, is the oldest known building in India.
V. Smith
Mutra Antiquities __"भगवान महावीर के पूर्ववर्ती भगवान पार्श्वनाथ के समय में जिस स्तूप को मूल रचना, ईटों से की हुई है वह ई. सन् ६०० वर्ष पूर्व के बाद का तो है ही नहीं ( याने ई.सन् ६०० या ७०० वर्षों के पूर्व का स्तूप है ) तथा डॉ. फुहररकी जांच के मुताबिक भी मथुग का यह स्तूप भारत के प्राचीनतम स्थापत्यों में सब से प्राचीन है।"
इस प्रकार इन पाश्चात्य संशोधकों और विद्वानों के मत से भगवान् पार्श्वनाथ के पूर्व समय में भी जैनों में स्तूप बनाने का प्रचार था तथा महावीर भगवान के पूर्व समय एक दो शताब्दी में मूर्तिों के ऐतिहासिक प्रमाण भी प्रचुरता से प्राप्त हो रहे हैं। ऐसी दशा में यह मानना कि जैनों में मूर्तिपूजा की प्रथा प्राच न ही नहीं किंतु प्राचीनतम है, बिल-कुल युक्ति युक्त एवं प्रमाण सङ्गत है । यही क्यों पर इस से बढ़ कर भी हम गत प्रकरणों में जो ऋषभदेव के समयवर्ती तीन रत्न रचित स्तूपों का शास्त्रीय प्रमाण दे आये हैं उनकी पुष्टि के लिए भी ये ऐतिहासिक प्रमाण पर्याप्त हैं। अब आगे चलकर और देखिये:
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