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________________ चैत्य शब्द का अर्थ श्रीहरिभद्रसूरि ने चैत्य शब्द का अर्थ इस प्रकार किया है। "चेड़या ! चेहया सही रुढो जिणिंद पडिमा" १०-नौ अंग टीकाकार आचार्य अभयदेवसूरि ने चैत्यशब्द का अर्थ अहत प्रतिमा ही किया है। ५१-आगे कलिकाल सर्वज्ञ भगवान् हेमचन्द्रसूरि ने कहा है कि "चैत्यं जिनौ का तट्विबन् . १२-लौ कागच्छीय आचार्य अमृतचन्द्रसूरि चैत्य शब्दका अर्थ जिनमुन और जिनबिंब किया है। ... १३-लौं कागच्छीय विद्वान रामचन्द्रगणि तथा आपके विद्वान शिष्य नानगचन्द्र जी ने चैत्य का अर्थ जिनमन्दिर जिन प्रतिमा ही किया है। १४-आगे एक अंग्रेज विद्वान ने चैत्य का अर्थ निम्नोक्त किया है। Such establishment consists of a park or a garden enclosing a temple and rows of cells for the accommodation of monks, some times also a stupa or sepulchral monument. The whole complex is not un usually called a chaitya. ___अर्थात-इस नामवाली जगहमें बगीचा या उद्यानका समावेश होता है। उसी के अन्दर एक मन्दिर होता है और साथ में कईएक कोटरियाँ होती हैं जिनमें साधुओं का निवास होता है । इसके उपरान्त कहीं कहीं एक स्तूप या समाधिस्तम्भ भी होता है, उस समग्र स्थान को चैत्य के नाम से ठीक ही विभूषित किया जाता है। प्रोफेसर होर्नल .: पूर्वोक्त ऋषिजी, जेठमलजी, शतावधानी मुनि श्रीरत्रचन्द्रजी के तथा पूर्वाचार्यों और पाश्चात्य विद्वानों के पुष्ट प्रमाणों से यह प्रमाणित हो चुका है कि चैत्य का अर्थ मन्दिर, मूर्ति, स्तूप और Jain Education International For Private & Personal Use Only ___www.jainelibrary.org
SR No.003204
Book TitleMurtipooja ka Prachin Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatna Prabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1936
Total Pages576
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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