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उदयसिंह की पुत्री जोधाबाई तथा कुछ अन्य हिन्दू स्त्रियों से विवाह किया था हिन्दू राजकुमारियों ने जहांगीर के हृदय से हिन्दू मसलमान के भेद को या था तथा परिणामस्वरूप उसके दरबार में कई हिन्दू मनसबदारों को पदो* भी प्राप्त हुई । ओरछा वीरसिंह बुन्दैला को 3000 घुड़सवारों का सेनाक बनाया गया किन्तु जहांगीर की एक पत्नी ने ही उसके इस उदारवादी मक दृष्टिकोण को परिवर्तित भी किया और वह थी बेगम नूरजहां । नूरजहाँ पूर्जा गियास बेग, जो बाद में एसमादुद्दौला के नाम से विख्यात हुए, की पुत्री थी था इसने जहांगीर के जीवन में आकर उसके धार्मिक दृष्टिकोण को सनकी बना
या इसके विषय में डॉक्टर एस. आर. शर्मा लिखते हैं कि “जहांगीर के सिन की कोई घटमा इतनी आकर्षित नहीं है। जितनी कि नूरजहां से दी के
इलियट एण्ड डाउसन ने इकबाल नामा-ई-जहांगीरी का हवाला देते ए लिखा है । कि "बेगम नूरजहां के प्रभाव में जहांगीर इतना अधिक था कि पनी राजसत्ता उसने यर्थाथ में नूरजहां को ही सौंप दी थी। तथा वह स्वयं विल नाम-मात्र का बादशाह रह गया था: बेगम नूरजहां दयालु हृदय की
तथा इस्लाम का पालन करते हुए उसने बहुत से दयालुता के कार्य किये ब वाये। ) मुस्लिम मनसबदार. अकबर के शासनकाल में ही बहुत से कट्टर पन्थी मुस्लिम मनसबदार उसकी मिक उदारता की नीति से प्रसन्न नहीं थे तथा उसकी मृत्यु के पश्चात् दरबार धार्मिक दृष्टिकोण में परिवर्तन लाने के अवसर की प्रतीक्षा में थे । उस समय एक बड़े इस्लामी नेता मुल्लाशाह अहमद ने दरवार के कई मनसबदारों को त्र द्वारा प्रेरित किया था कि जहांगीर के शासनकाल के प्रारम्भिक काल में ही स्लाम को राज्य धर्म घोषित कराया जाये १) धर्म गुरुओं से सम्पर्क:
अकबर की भांति जहाँगीर की भी भारत में प्रचलित विभिन्न धमी बै म्प्रदायों के आचार्यों से सम्पर्क रहा। दोनों के स्वभाष व रूचिओं में भेद था।
___ 1. वही पृष्ठ.286. 2. द हिस्ट्री ऑफ इण्डिया एज टोल्ड बाहे इट्स ऑन हिस्टोरियन्स
- इलियट एण्डडाउसन पृष्ठ 402 3. द रिलिनियस पॉलिसी ऑफ मृगल एम्पररस-आर. एस. शर्मा 61
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