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________________ १३४ श्रमण संस्कृति : सिद्धान्त और साधना भोग-प्रधान विचारधारा के प्रचलन के विषय में जब हम गहराई से अध्ययन करने के लिए प्रस्तुत होते हैं तो जहाँ संयमप्रधान विचारधारा प्रचलित है वहाँ की विचारधारा के प्रचलित होने में स्थानीय परिस्थिति का क्या हिस्सा था, इस पर चिन्तन करना आवश्यक हो जाता है । शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति तथा सामाजिक जीवन सुख से, सुरक्षित और समाधानपूर्वक चले, इसलिए भौतिक साधनों का जरूरत रहती है । उनके बिना समाज का धारण, पोषण तथा रक्षण ठोक से नहीं हो सकता । पर जब कोई समाज अपनो बुद्धिकौशल्य से इन चीजों का उत्पादन जरूरत से अधिक बढ़ा लेता है तब उस समृद्ध स्थिति से भी समाज में असन्तोष पैदा अधिक होता है । समाज में सुख, लालसा या तृष्णा के बढ़ने से असंतोष, प्रतिस्पर्धा, ईर्ष्या, संघर्ष बढ़ते हैं, फलतः मानवशक्ति मानवजाति को सुखी बनाने की अपेक्षा मानवजाति के नाश और उसके अकल्याण की ओर बढ़ती है । और भारत में यही हुआ । भारत के प्राचीन निवासी बाह्य और भौतिक सुखों से आत्मिक सुखों की ओर अधिक ध्यान देते थे । ध्यान और आत्म-साधना में विश्वास करते थे और शांति से अपना जीवन बिता रहे थे । उनके समय में कला का भी विकास दिखाई देता है और इस नागरिक संस्कृति के शहर काफी व्यवस्थित और सुखदायी प्रतीत होते हैं । पर जब बाहर से आये हुए आर्यों के साथ संघर्ष हुआ तो उसमें उनकी हार हुई | भले ही युद्ध में हार हुई हो, पर भौतिक सुखों को प्राधान्य देने वाली आर्य संस्कृति पर उन्होने विजय पाई और दोनों के समन्वय से भारतीय संस्कृति का जन्म हुआ जिसके दर्शन उपनिषद् व महाभारतकाल में होते हैं । भारतीय समृद्धिकाल की दृष्टि से महाभारत का समय सुवर्णयुग का माना जा सकता है । जब पेट की समस्या संतोषजनक रीति से. सुलझ जाती है तब विद्या, विज्ञान, साहित्य, कला तथा संस्कृति का विकास होता है, और वह महाभारत काल में दिखाई देता है । यहाँ के निवासियों की जीवन की जरूरतें पूरी करने के लिए साधनों की प्रचुरता दिखाई देती है । उस काल में लोग समृद्ध थे और विविध Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003192
Book TitleShraman Sanskruti Siddhant aur Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalakumar
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1971
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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