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________________ वर्णाश्रम व्यवस्था का विवेचन ११६ पर नन्दी का शीग नहीं या ब्राह्मण के मस्तक पर महादेव की पिंड नहीं । १२ मानवजाति का यह भेद सिर्फ व्यवहार के कारण प्रचलित है। गोपालन पर उपजीविका करने वाला मनुष्य किसान है, 13 व्यापार से उपजीविका करने वाला बनिया है,१४ चोरी से उपजीविका करने वाला चोर है,१५ धनुर्विद्या से उपजीविका करने वाला योद्धा है,'६ ग्राम और राष्ट्र पर अधिकार रखने वाला राजा है। १७ जिस तरह जल में उत्पन्न हुआ कमल जल से गीला नहीं होता, उसी तरह वैषयिक सुखोपभोगों से जो अलिप्त रहता है. उसे हम ब्राह्मण कहते हैं ।१८ पानी में कमलपत्र की तरह और आग के अग्रभाग पर सरसू की तरह जो विषयोपभोगों में लिप्त नहीं होता, उसे मैं ब्राह्मण कहता हूँ।१९ इसी तरह जिसने ज्ञाति-बांधवों का पूर्व-सम्बन्ध तोड़ दिया है, जो रति-अरति छोड़कर शांत हुआ है, जो इहलोक और परलोक के बारे में अनासक्त बना है, जिसकी तृष्णा और भववासना नष्ट हुई है, जो उपजीविका के लिए भविष्यकथनादि का उपयोग नहीं करता, मधु-मक्खी की तरह अन्यों को पीड़ा न देते हए गहस्थियों से जो शुद्धाहार पाता है, भूख, प्यास, धूप, शीत आदि की पीड़ा जो शान्तभाव से सहता है, अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह इन महाव्रतों का दक्षता से पालन कर उग्र तप से जो कर्ममल को दग्ध करता है, वही सच्चा ब्राह्मण है । २० ___ भगवान् बुद्ध को वादविवाद में पराजित करने के लिए पाँच सौ ब्राह्मणों का प्रतिनिधि बनकर अश्वलायन श्रावस्ती में गया। 'ब्राह्मण ही सर्वश्रेष्ठ है' यह सिद्ध करने के लिए वह भगवान् बुद्ध से वादविवाद करने लगा। यह प्रसंग बहुत दिलचस्प है। १२. लक्ष्मीबाई बिकक यांची 'स्मृतिचित्त' । १३. सुत्तनिपात, ३-६-१६; १४. ३-६-२१; १५. ३-६-२३; १६. ३-६.२४; १७. ३-६-२६ । १८. जहापोमं जले जायं नोवलिप्पइ वारिणा। एवं अलित्त कामेहिं तं वयं बुम बाहणं ॥ -उत्तराध्ययन २५-२७ १६. वारि पोक्खरपत्ते ध आरगोरिव सासपो। यो न लिप्पति कामेसु तमहं ब्रूमि ब्राह्मणं ॥ --सुत्तनिपात ३-६-३२ २०. उत्तराध्ययन सूत्र, २५-१८ से ८६ और सुत्तनिपात ३.६.२७ से ५४ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003192
Book TitleShraman Sanskruti Siddhant aur Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalakumar
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1971
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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