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श्रमण संस्कृति : सिद्धान्त और साधना
१३."भिक्षुओ ! क्लेश-मुक्तों व दक्षिणेयों में सुभूति ३७ अग्रगण्य है। १४..........."आरण्यकों (वन वासियों) में खेतखदिरवनिय ३८...। १५.........."ध्यानियों में कंखा रेवत ३९...। १६.........."उद्यमशीलों में सोडकोडिवीस४०...।
"सुवक्ताओं में सोणकुटिकण्ण१...! १८........."लाभार्थियों में सीवली४२...।
'श्रद्धाशीलों में वक्कलि ४३.."। २० .........."संघीय-नियम-बद्धता में राहुल ४४...।
'श्रद्धा से प्रवजितों में राष्ट्रपाल४५.."। ....... "प्रथम शलाका ग्रहण करने वालों में कुण्डधान ४६...।
"कवियों में वंगीश४७...। ........"समन्त प्रासादिकों ( सर्वतः लावण्य-सम्पन्न ) में उपसेन
वंगन्त-पुत्र ४८...। २५.........."शयनाशन-व्यवस्थापकों में द्रव्य-मल्ल-पुत्र....४ ९.....। २६..........."देवताओं के प्रियों में पिलिन्दिवात्स्य५०...। २७........"प्रखर बुद्धिमानों में वाहियदारुचीरिय५१...।
३७. कौशल, श्रावस्ती, वैश्य । ३८. मगध, नालक ब्राह्मण-ग्राम, सारिपुत्र के अनुज । ३६. कौशल, श्रावस्ती, महाभोग । ४०. अंग, चम्पा, श्रेष्ठी।। ४१. अवन्ती, कुररघर, वैश्य । ४२. शाक्य,कुण्डिप्ण, क्षत्रिय, कोलिह-दुहिता सुप्रनासा का पुत्र । ४३. कौशल, श्रावस्ती, ब्राह्मण । ४४. शाक्य, कपिलवस्तु, क्षत्रिय, सिद्धार्थ-पुत्र । ४५. कुरु, थूलकोण्णित, वंश्य । ४६. कौशल, श्रावस्ती, ब्राह्मण । ४७. वही। ४८. मगध, नालक ब्राह्मण-ग्राम ब्राह्मण, सारिपुत्र के अनुज । ४६. मल्ल, अनूदिया, क्षत्रिय । ५०. कौशल, श्रावस्ती, ब्राह्मण । ५१. वाहियराष्ट्र, कुल-पुत्र ।
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