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________________ ५८ जन कथा साहित्य की विकास यात्रा विक्रिया है । इन विक्रिया रूप प्रयोजन को सिद्ध करने वाला शरीर वैक्रिय है। उसके निर्माण में जो दोष लगता है, उसका शुद्धिकरण करना "क्रियशुद्धि" है । धवला की दृष्टि से इस कथा में पुग्य-फल का वर्णन किया जाता है। निर्वेदनी कथा के भी चार प्रकार हैं-१. इहलोक में दुश्चीर्ण कर्म इसी लोक में दुःखमय फल देने वाले होते हैं । २. इहलोक में दुश्चीर्ण कर्म परलोक में दुःखमय फल देने वाले होते हैं। ३. परलोक में दूश्चीर्ण कर्म इहलोक में दुःखमय फल देने वाले होते हैं। ४. परलोक में दुश्चीर्ण कर्म परलोक में ही दुःखमय फल देने वाले होते हैं। प्रकारान्तर से निवेदनी कथा के चार प्रकार और बताये हैं-१. इहलोक में सुचीर्ण कर्म इसी लोक में सुखमय फल देने वाले होते हैं। २. इहलोक में सुचीर्ण कर्म परलोक में सुखमय फल देने वाले होते हैं। ३. परलोक में सुचीर्ण कर्म इहलोक में सुखमय फल देने वाले होते हैं। ४. परलोक में सुचीर्ण कर्म परलोक में सुखमय फल देने वाले होते हैं। निवेदनी कथा के स्थानांग में आठ विकल्प किये गये हैं। इससे यह स्पष्ट है कि पुण्य और पाप इन दोनों फलों का कथन करना इस कथा का विषय रहा है। निर्वेदनी की व्याख्या में किसी भी प्रकार की भिन्नता नहीं है। धवलाकार की दृष्टि से इस कथा में पाप फल का कथन है। उद्योतन सूरि ने कुवलयमाला में कथा के पाँच प्रकार बताये है, वे इस प्रकार हैं :-१. सकल कथा २. खण्ड कथा ३. उल्लाप कथा ४. परिहास कथा और ५. संकीर्ण कथा। जिस कथा के अन्त में सभी प्रकार से १. देखिए-सर्वार्थसिद्धि-२॥३६ तथा तत्त्वार्थश्रुतसागरीया वृत्ति-२।३६ । २. संवेयणी नाम पुण्ण-फल-संकहा । काणि पुण्ण फलानि ? तित्थयर, गणहररिसि-चक्कवट्टि-बलदेव-वासुदेव-सुरविज्जाहरिद्धीओ। -षटखण्डागम, भाग १, पृ० १०५ ३. णिव्वेयणी णाम-पाव-फल संकहा। संसार-सरीर-भोगेसु-वेरग्गुप्पाइणी णिव्वेयणी णाम। -षट्खण्डागम, भाग १, पृ० १०५ ४. ताओ पुण पंच कहाओ, तं जहा-सयलकहा, खण्डकहा, उल्लावकहा, परिहास. कहा तह संकिण्ण कहा त्ति णायव्वा । –कुवलयमाला ४-५. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003190
Book TitleJain Katha Sahitya ki Vikas Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1989
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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