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________________ ३४० जैन कथा साहित्य की विकास यात्रा व्यर्थ मत गँवा, अमांगलिक भेड़ियों का शिकार मत बन । क्योंकि स्त्रियों की मैत्री, मैत्री नहीं होती । इनका दिल तो भेड़िये का दिल होता है।' दरअसल, उर्वशी का यह उत्तर, समग्र स्त्री जाति के लिए शाश्वत शृंगार बन गया। पुरुरवा और उर्वशी के इस परिसंवाद ने, लौकिक जगत् के सच्चे प्रेमी, और फुसला ली जाने वाली मानिनी प्रेयसी के स्पष्ट उद्गारों को, रसात्मकता का जैसे शिलालेख बना दिया। इसी संवाद की प्रतिध्वनि शतपथ ब्राह्मण, विष्णु पुराण, और महाभारत में भी मुखरित हई है। जिसका अनुगुंजन, महाकवि कालिदास के "विक्रमोर्वशीय' नाटक में, स्पष्ट सुनाई पड़ता है। भारत के मूर्धन्य कवियों ने जी भर कर पर्जन्य की महिमा के गीत गाये हैं। किन्तु, वैदिक कवि ने 'जीमूत' पर्जन्य का गुणगान किया है। यह जीसूत, क्षणभर में ही, जल-थल एक कर देता है। धरती से अम्बर तक जलधारा का एक वर्तुल सा बना देता है। वेद कहता है-'आओ, आज इन गीतों से उस पर्जन्य को गाओ; यदि उसे नमस्कार करके मानना चाहो, तो पर्जन्य के गीत गाओ। देखो, यह महान् सांड गर्ज रहा है। इसके दान में (कितनी) शक्ति है। (अपने इसी दान से) वनस्पतियों में अपने बीज का गर्भाधान कर रहा है वह । ""वह देखो, पेड़ों को किस तरह उखाड़कर फेंके चला जा रहा है ? राक्षसों को किस तरह धराशायी किये चला जा रहा है ? इसका दारुण वज देखकर, धरती और आकाश डोल रहे हैं। जब, विद्य तपात करके यह दुराचारियों को धराशायी करता है, तब, निष्पाप लोग भी थरथरा उठते हैं।.."और, जिस तरह, रथी अपने कोड़े से घोड़ों को आगे कूदा देता है, वैसे ही, यह भी, वर्षा के द्वारा दूतों को आगे खिसका/सरका रहा है। सुनो'"कहीं दूर, वह सिंह दहाड़ रहा है। यह शेर, पृथ्वी में (वर्षा का) बीज डाल रहा है। १. अच्छा वद तवसं गीभिराभिः स्तुहि पर्जन्यं नमसा विवास । कनिक्रदद् वृषभो जीरदानू रेतो दधात्यौषधीषु गर्भम् ॥ किं वृक्षान् हन्त्युत हन्ति राक्षसान् विश्वं विभाय भुवनं महावधात् । उता नागा ईषते कृष्ण्यावतो यत् पर्जन्यः स्तनयन् हन्ति दुष्कृतः ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003190
Book TitleJain Katha Sahitya ki Vikas Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1989
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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